Monday, August 9, 2021

श्रीमद्भागवत कथा,श्रीमद्देवीभागवत कथा संक्षिप्त सामाग्री

                 अथ मंडप विधान
1-16हाथ का वर्गाकार तृण मण्डप या पट पण्डप।
2-तोरण पताका,अशोकपत्र,केला स्तम्भ सुसज्जित।
3-सर्वतोभद्र मण्डल (प्रधान वेदी)।
4-नवग्रह वेदी,64 योगिनी।
5-दशदिक्पाल वेदी,64योगिनी।
6-हवन वेदी, शान्ति कलश।
7-व्यासवेदी तथा अन्यान्य आसन।

               मंगलपांड्ग सामग्री
1-पंच पल्लव।             8-पूजन सामग्री।
2-पंचगव्य।                 9-वरण सामग्री।
3-पंचामृत।                 10-दान सामग्री।
4-पंचरत्न।                 11-हवन सामग्री।
5-नवरत्न।                 12-नवग्रह समिधा (लकड़ी)।
6-सप्तमृतिका।           13-विविध पुष्प,फल, वस्त्र        7-सप्तधान्य।                              विभूषण आदि।
कलश 2 घड़ा ,10मेटा ,पुरवा,ढकनी, दीया,पत्तल,दोना,प्रधान कलश तांबे का,गुण्डी।

                   श्री पूजन सामग्री
अक्षत, सुपारी,छूटा पान,केशर, कस्तुरी,अतर,रोली,अबीर,गुलाल,हल्दी पाउडर, मेहंदी पाउडर,सिंदूर,नारा,सवौषधि,कपूर,रुई,माचिस, धूपबत्ती,कुश,दुर्वा (दुब), बिल्वपत्र, तुलसी दल,विविध पुष्प मालाएं,, पंचमेवा,पंचरंग,कच्चा सूत (कुंवारी धागा),शहद,गो घृत,बतासा,पेड़ा, लड्डू,शक्कर, गुड़,जव,तिल (सफेद व काला),उरद, दूध, ऋतुफल,दही,पीली सरसों,गरी गोला, धूप-दीप, नारियल, अगरबत्ती,आरती,जायफल,कुशासनी-7, कमण्डलु,गुलाबजल, गंगाजल,तीर्थजल,कांसे की कटोरी,थाली, कटोरी,लोटा गिलास,पंचपात्र, यज्ञोपवीत (जनेऊ),विविध प्रकार वस्त्र आभूषण,लवंग,लाइची, पूर्णपात्र, अष्टगंध, अष्टधातु, रुद्राक्ष माला,शंख,घंटा।

              वरण सामग्री-व्यास के लिए
धोती, पीताम्बरी धोती,गमछा भगवा,चादर (सिल्क), पगड़ी,कुरता, यज्ञोपवीत, आसनी, जयमाला, जलपान,लघुपात्र,भोजनपात्र।
                       आचार्यादि वरण
 धोती,गमछा,चादर, यज्ञोपवीत, आसनी, पंचपात्र।

                        प्रधान वेदी पर 
 ताम्र कलश, रेशमी साड़ी, चुनरी, लहंगा,लाल वस्त्र, आभूषण, गोपाल जी की प्रतिमा (श्रीमद्भागवत)/देवी की स्वर्ण या कांसे की प्रतिमा (श्रीमद्देवीभागवत)!

                           शय्या दान
पलंग, तोषक,कटोरी,कड़ाही, तकिया,चादर,सड़सी,कलछी,दरी,गलैचा, बाल्टी,दुलाई,चिमटा, धोती,चम्मच,गमछा, तस्तरी,बड़ली २,मिर्जई,चादर, लोहे का चुल्हा,छाता,तावा,पदत्राण (खड़ऊ),चौकी,बेलना,भोजन पात्र,अन्न, वस्त्र,लोटा गिलास,फल व्यंजन आदि।

                            हवन द्रव्य
धूम्र चूर्ण,श्वेत चंदन,चंदन धुरा,रक्त चंदन,देवदारू, भोजपत्र,चांवल,अगर,तगर,जव,तिल,तेजपत्र, गुड़,कवलगट्टा,गुग्गुल, पंचमेवा, जटामासी,तालमखाना,करायत, जावित्री,छडीला,गो घृत आदि।
                          भोग प्रसाद इत्यादि
भोग                               फल प्राप्ति
गो घृत-                          आरोग्य प्राप्ति
शक्कर-                          दीर्घायु
दुध-                               दुध की निवृत्ति
मालपुआ-                       निर्णय की विकास
केला-                             बुद्धि का विकास
शहद-                             आकर्षण, सुंदरता
गुड़ -                              रोग से मुक्ति
नारियल-                         हर प्रकार की पीड़ा समाप्त
पान-                              लोक परलोक शुद्धि
कालि तिल-                     पर लोक से मुक्ति


                    *आपका अपना*
             *"पं.खेमेश्वरपुरी गोस्वामी"*
        *धार्मिक प्रवक्ता-ओज-व्यंग्य कवि*
    *श्रीराम कथा, श्रीमद्भागवत ,शिव कथा*
        *जाप-पाठ, वैदिक यज्ञ अनुष्ठान*
                    *राष्ट्रीय प्रवक्ता*
           *राष्ट्र भाषा प्रचार मंच-भारत* 
             *डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़*
       *8120032834/7828657057*
             *🙇‍♂ जय श्री राम 🙇‍♂*

Sunday, August 8, 2021

पूजा पाठ

*हमसे व श्री गौरकापा मठ श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर/श्री शनिदेव मंदिर/दुर्गा मंदिर में पूजन हवन अनुष्ठान रुद्राभिषेक साढ़े साती ग्रह शांति इत्यादि स्वयं के लिए अथवा अपने प्रियजनों के लिए करवाने के लिए निम्नलिखित जानकारी दें ।(यदि आप स्वयं उपस्थित हो सकें तो अधिक उत्तम है ।यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित न हो सके तो निम्नलिखित जानकारी दें ।)* *1, आपका पता - मकान न०, गली न०, मोहल्ला,शहर, ज़िला, राज्य आदि । (आपको प्रसाद इसी पते पर भिजवाया जाएगा 2, आपका गोत्र । 3, आपका नाम तथा आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम ।4, आपका whatsapp नम्बर । 5, आपकी जन्म कुंडली या जन्म समय, जन्म तारीख, जन्म स्थान । 6, आपकी फोटो । 
 1.कालसर्प दोष:- 3100 से 11000 2.पितृदोष एवं नागबलि नारायनबली:- 3100 से 21000 3.मंगल दोष व भात पूजन :- 5100 4.लघुरुद्राभिषेक 5 से 11 पण्डित :- 15000 5.महारुद्राभिषेक 51 से 101 पण्डित :- 1 लाख से 5 लाख तक 6.महामृत्युंजय सवालक्ष महाकाल मंदिर :- 51000 7. नवग्रह जाप :- 5100 8. बगलामुखी पाठ हवन :- 11000 से 51000 9. विक्रांत भेरव पाठ हवन :- 11000 से 2 लाख 10. राजनीति, उच्चाटन,स्थम्भन, वशीकरण व अन्य :- 11000 से 5 लाख तक 11. काली हल्दी ओरजीनल :- 10 ग्राम के 2 लाख  12. शनि ग्रह शांति - 5100 से 11000 13.वास्तु दोष निवारण -2100 से 5100 14.पार्थिव पूजन -5100 से 11000 15. मंदिर स्थापना प्राण प्रतिष्ठा -11000 से 51000 16.सत्यनारायण कथा -1100 से 3100 17. समस्त पुराण हवन व पाठ मात्र -5100 से 31000 18. श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह यज्ञ,शिव पुराण कथा सप्ताह यज्ञ,श्री राम कथा तीन दिवसीय -11000 से 31000 19. समस्त प्रकार यज्ञ अनुष्ठान, रूद्र महायज्ञ, चंडी,सतचंडी यज्ञ , लक्ष्मीनारायण यज्ञ, गायत्री यज्ञ, मानस यज्ञ अनुष्ठान,महाकाली यज्ञ विशेष अनुष्ठान, अश्वमेध यज्ञ- 51000 से 5लाख 20.दैवीय प्रकोप शांति -21000 से 1लाख 51000 व समस्त वैदिक कर्मकाण्ड जाप पाठ यज्ञ अनुष्ठान वास्तु-ग्रह दोष निवारण व शांति पाठ हेतु नि: संकोच संपर्क करें, दक्षिणा कम ले सकते हैं जिसमें आप भी संतुष्ट रहें नियत दक्षिणा नहीं है सिर्फ एक अनुमान है,व श्रीमद्भागवत कथा नि: शुल्क सिर्फ चढ़ोतरी स्वेच्छा दान दक्षिणा मात्र से किया जाएगा सार नही विस्तार भी कथा कही जाएगी।
                    *आपका अपना*
             *"पं.खेमेश्वरपुरी गोस्वामी"*
        *धार्मिक प्रवक्ता-ओज-व्यंग्य कवि*
    *श्रीराम कथा, श्रीमद्भागवत ,शिव कथा*
        *जाप-पाठ, वैदिक यज्ञ अनुष्ठान*
                    *राष्ट्रीय प्रवक्ता*
           *राष्ट्र भाषा प्रचार मंच-भारत* 
             *डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़*
       *8120032834/7828657057*

Saturday, August 7, 2021

सुंदर काण्ड के पाठ के अद्भुत लाभ

*👉सुंदरकांड के पाठ के अद्भुत लाभ✍️*
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*सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान।*
*सादर सुनहिं ते तरहिं भव सिंधु बिना जल जान॥*

भावार्थ:-श्री रघुनाथजी का गुणगान संपूर्ण सुंदर मंगलों का देने वाला है। जो इसे आदर सहित सुनेंगे, वे बिना किसी जहाज (अन्य साधन) के ही भवसागर को तर जाएँगे॥

*1.* सुन्दरकाण्ड का पाठ ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी से जुड़ा कोई भी मंत्र या पाठ अन्य किसी भी मंत्र से अधिक शक्तिशाली होता है। हनुमान जी अपने भक्तों को उनकी उपासना के फल में बल और शक्ति प्रदान करते हैं।

*2.* सुन्दरकाण्ड के लाभ लेकिन आज हम विशेष रूप से सुंदरकांड पाठ के महत्व और उससे मिलने वाले लाभ पर बात करेंगे। भक्तों द्वारा हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए अमूमन हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। हनुमान चालीसा बड़े-बूढ़ों से लेकर बच्चों तक को जल्दी याद हो जाता है।

*3.* हनुमान चालीसा लेकिन हनुमान चालीसा के अलावा यदि आप सुंदरकांड पाठ के लाभ जान लेंगे तो इसे रोजाना करना पसंद करेंगे। हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है।

*4.* सुंदरकांड अध्याय सुंदरकांड, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं, लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है।

*5.* सुंदरकांड पाठ का महत्व जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया है, उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और उसकी विजय की बात बताई गई है।

*6.* हनुमान पाठ के लाभ सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती, इस तरह की शक्ति प्राप्त करता है वह भक्त। यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो, तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।

*7.* शास्त्रीय मान्यताएं किंतु केवल शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहीं, विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है।

*8.* सुंदराकांड पाठ का अर्थ इस पाठ की एक-एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ, भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी बड़ी परीक्षा में सफल होना हो तो परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।

*9.* सुंदराकांड पाठ का महत्व यदि संभव हो तो विद्यार्थियों को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। यह पाठ उनके भीतर आत्मविश्वास को जगाएगा और उन्हें सफलता के और करीब ले जाएगा।

*10.* सफलता के सूत्र आपको शायद मालूम ना हो, लेकिन यदि आप सुंदरकांड के पाठ की पंक्तियों के अर्थ जानेंगे तो आपको यह मालूम होगा कि इसमें जीवन की सफलता के सूत्र भी बताए गए हैं।

*11.* सफल जीवन के मंत्र यह सूत्र यदि व्यक्ति अपने जीवन पर अमल कर ले तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए यह राय दी जाती है कि यदि रामचरित्मानस का पूर्ण पाठ कोई ना कर पाए, तो कम से कम सुंदरकांड का पाठ अवश्य कर लेना चाहिए।

*12.* इस समय करें सुंदराकांड का पाठ -

यहां तक कि यह भी कहा जाता है कि जब घर पर रामायण पाठ रखा जाए तो उस पूर्ण पाठ में से सुंदरकांड का पाठ घर के किसी सदस्य को ही करना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक शक्तियों का प्रवाह होता है।

*13.* ज्योतिष के लाभ ज्योतिष के नजरिये से यदि देखा जाए तो यह पाठ घर के सभी सदस्यों के ऊपर मंडरा रहे अशुभ ग्रहों छुटकारा दिलाता है। यदि स्वयं यह पाठ ना कर सकें, तो कम से कम घर के सभी सदस्यों को यह पाठ सुनना जरूर चाहिए। अशुभ ग्रहों का दोष दूर करने में लाभकारी है सुंदरकांड का पाठ।

*किसी भी प्रकार कि विशेष जानकारी के लिऐ आप हमे कॉल कर सकते है ।*

                    *आपका अपना*
             *"पं.खेमेश्वरपुरी गोस्वामी"*
        *धार्मिक प्रवक्ता-ओज-व्यंग्य कवि*
    *श्रीराम कथा, श्रीमद्भागवत ,शिव कथा*
        *जाप-पाठ, वैदिक यज्ञ अनुष्ठान*
                    *राष्ट्रीय प्रवक्ता*
           *राष्ट्र भाषा प्रचार मंच-भारत* 
             *डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़*
       *8120032834/7828657057*
             *🙇‍♂ जय श्री राम 🙇‍♂*
     *🌼🙏🏻🌞 सुप्रभात🌞🙏🏻🌼*

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...