दुनिया मा वइसे तो हर कोनो के साथ संग मिलिस
फेर का बतांव सबो के चेहरा मा एकेच रंग मिलिस
मज़हब के अंजोर मा बरत रहिस जग संसार
मज़हब के बाबा मन ले फेर शहर तंग मिलिस
सत के पांखी जेन लगाइस वो तो उड़ गेहिस
वो मनखे बलदानी बर एक नवा बिहान मिलिस
काली जुवर तक धकियाके देवत रहिस परान
भाखा म ओखर आज अजीब ऐ ढंग मिलिस
जेन हर लिबास ओढ़े रिहिस बने असुल के
ओ तो आज बेइमानी के पतंग उड़ात मिलिस
सूली मा घलो चढ़ गे इंहा बने लागथे किहके
तारिख़ के पतरा मा एक अइसन प्रसंग मिलिस
अएना मा मूहू देख अकचका गेंहेव आज मैं
उहू हर मोला देख कऊनकदर अब दंग मिलिस
मयारू जिहाँ गेहिस उहाँ बड़ भीड़ रहे जमा
हाथन मा सबके एक छुरा जसन संग मिलिस
मिलके चलत रहिस जम्मो रद्दा तो शांति डहर
काबर बिरासत मा ये मैदाने जंग हमला मिलिस
✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
"छत्तीसगढ़िया राजा"
मुंगेली- छत्तीसगढ़
8120032834
7828657057