Monday, December 19, 2022

णथमम

लालपुर पुलिस के संरक्षण में फल फूल रहे अपराधी,ग्राम डिंडोरी को अपराध का गढ़ बनाने संपूर्णत: जिम्मेदार लालपुर की, रिश्वतखोर पुलिस सिर्फ निर्दोषों को प्रताड़ित करने में सक्षम



खेमेश्वर पुरी गोस्वामी,8120032834
मुंगेली : मुंगेली जिला पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने त्वरित कार्रवाई के लिए जानी जाती हैं तो वही मुंगेली पुलिस की शाखा थाना लालपुर अपराधियों के संरक्षण व रिश्वत लेकर निर्दोषों पर अत्याचार तथा दोषियों को रिश्वत लेकर मुक्त कर संरक्षण देने के लिए जानी जाती है सन 2017 में अगस्त की 17 तारीख को ग्राम डिंडोरी में दिनदहाड़े दो घरों में चोरी हुई थी जिसकी एफ आई आर थाना लालपुर में दर्ज किया गया सूरी की राशि पुनाराम साहू के यहां ₹25000 बताई गई जिसमें अपराधी को पकड़ने के बजाय लालपुर पुलिस के तत्कालीन टीआई एल पी पटेल उनकी टीम के द्वारा एक निर्दोष को रिश्वत लेकर गिरफ्तार कर थर्ड डिग्री दिया गया व उनको दी गई थर्ड डिग्री की जानकारी मीडिया या उच्च अधिकारी अथवा न्यायालय में देने पर उनके पिता और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई इसके बाद वह केस क्लोज कर दिया गया आज तक उस चोरी का खुलासा नहीं हो पाया जबकि पुलिस के बॉस सारे सबूत थे जिनसे पीड़ित के घर वालों ने ही चोरी की है इस बात की पुष्टि करने के लिए जानकारियां काफी थी उसके बाद 2021 में 26 मई को आरोपी नेपाल पूरी उर्फ बदक के द्वारा अपनी पत्नी मीराबाई के साथ अपने पड़ोसी को जान से मारने की धमकी वह गंदी गंदी गालियां दी गई जिसकी लालपुर पुलिस के द्वारा तस्दीक की गई तब जांच में आए एसआई के समक्ष भी नेपाल पूरी द्वारा पीड़ित को गाली देते हुए मारने की धमकी दी गई तथा कोर्ट में देख लेने की बात कही गई इसके बाद एसआई के द्वारा न तो कोई कार्यवाही की गई बल्कि रिश्वत लेकर केस क्लोज कर दिया गया जिससे यह साबित होता है कि लालपुर पुलिस को सिर्फ पैसों से मतलब है जनता के हित और अपराधों में नकेल कसने के लिए किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है हाल ही में कुछ महीने पूर्व 50 पाव शराब के साथ एक आरोपी को थाना ले जाया गया था जहां एक पत्रकार के सामने ₹15000 रिश्वत लेकर अपराधी को छोड़ दिया गया था जबकि वहीं पुलिस 10-20 भाव शराब के साथ केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज देती है जिनके पुख्ता प्रमाण आवश्यकता पड़ने पर न्यूज़ लाईन नेटवर्क द्वारा न्यायालय में पेश किया जा सकता है हाल ही में 18 दिसंबर 2022 को दिन में दोपहर से शाम के बीच ग्राम डिंडोरी में है पत्रकार के घर दिनदहाड़े ₹42000 की चोरी हो गई जो कि घर में रह रहे एकांकी महिला द्वारा किसी अज्ञात महिला द्वारा जागरण घर में घुसकर वह बिना परिचय दिए चली गई जिस पर उक्त राशि चोरी की संभावना वह संजय उक्त महिला पर की जा रही है जिसकी जानकारी 18 दिसंबर की रात 11:00 बजे के आसपास हुई व पीड़ित के द्वारा रात्रि होने के कारण उक्त घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई वह 19 दिसंबर 2022 को दोपहर 12:00 से 3:30 बजे तक थाना लालपुर जाकर आवेदन लिखाने इंतजार करता रहा जहां थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह ने एफआईआर . लिखाने के बजाय पीड़ित को सादे कागज में आवेदन देने कहा गया इस पर पीड़ित द्वारा कोटवार के माध्यम से प्रधान आरक्षक अयोध्या सिंह कोसले से एफ आई आर दर्ज कराने का निवेदन किया गया जिस पर कोसले ने पीड़ित को कहा की टीआई साहब मेला ड्यूटी में है वह जब आएंगे तब देख लेंगे तुम एक कागज पर आवेदन देकर चले जाओ और आवेदन की कोई पार्टी नहीं दी जाएगी इस पर पत्रकार द्वारा उक्त घटना की जानकारी व लालपुर पुलिस के रवैया की जानकारी भी उच्चाधिकारियों को दी गई जिसके बाद सादे कागज में आवेदन लिया गया और उसकी पावती नहीं दी गई साथ ही एफ आई आर दर्ज करने से साफ मना कर दिया गया लेकिन न्यूज़ लाईन नेटवर्क में जब उक्त घटना की खबरें प्रकाशित की गई तब जाकर कहीं सिर्फ एक पुलिसकर्मी एएसआई दिवाकर को घटनास्थल पर तस्दीक करने भेजा गया जहां पीड़ित परिवार द्वारा उक्त घटना की जानकारी दी गई वह अज्ञात महिला की आने की जानकारी दी गई जहां इस बात की भी जिक्र किया गया की अज्ञात महिला पीड़ित के घर में घुसने से पहले उनकी पड़ोसी गोस्वामी किराना दुकान के यहां से आई है और पीड़ित के घर में रकम को लेकर व घर के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने की बात करने की बातचीत की जानकारी भी उक्त पड़ोसी को पता है, जिससे अनजान महिला को जानकारी देकर भेजे जाने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इन सब चीजों के बावजूद पुलिस द्वारा पड़ोसी दुकानदार से किसी तरह के कोई पूछताछ या जानकारी हासिल नहीं की गई क्योंकि वह पहले ही पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी दिए थे जिसमें पुलिस ने उन्हें रिश्वत देकर छोड़ दिया था वह सिर्फ एक पड़ोसी से जानकारी ली गई जो पड़ोसी पूर्णता अपाहिज है जोकि पैरालिसिस पेशेंट है और चलने फिरने में असक्षम है इसके बाद पुलिस वाले थाना जाने लगे तब पीड़ित के द्वारा आवेदन की पावती की मांग की गई जिस पर कल थाना आकर ले आना बोला गया फिर जोर देने पर पावती दी गई इससे पूर्व जब पीड़ित थाना गया हुआ था तब सादे कागज में दिए गए आवेदन को ही एफ आई आर दर्ज करने की बात की गई जोकि समाचार लिखे जाने तक एफ आई आर दर्ज नहीं की गई है जबकि 17 अगस्त 2017 को ₹25000 और कमजोरी होने पर यही लालपुर पुलिस एफ आई आर दर्ज करती है और ₹42000 की चोरी होने पर सिर्फ सादे कागज में आवेदन लेकर मामले को दबाने का प्रयास करती है यह लालपुर पुलिस की ओछी मानसिकता को दर्शाती है और धरातल पर जनता को किस तरह मदद करती है यह बात भी उभर कर सामने आती है जब पीढ़ी द्वारा उच्च अधिकारियों को इस घटना की जानकारी दी गई और अधिकारियों ने टीआई को निर्देशित किया तब टीआई वीरेंद्र सिंह द्वारा पीड़ित को भरे शब्दों में कहा गया कि तुम पत्रकार हो तो मीडिया में क्या कुछ भी दोगे मैं भी पत्रकार रह चुका हूं,पत्रकारिता करके छोड़ दिया है इस तरह पत्रकारिता करोगे तो तुम्हारे भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा लेकिन उक्त घटना की उच्च अधिकारियों को जानकारी होने की बात की वजह से पीड़ित के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया गया अन्यथा लालपुर पुलिस की प्राथमिकता रही है कि यदि पीड़ित एफ आई आर दर्ज करने की मांग करती है और किसी तरह की राजनीतिक दबाव नहीं होती है तब तक एफ आई आर दर्ज नहीं की जाती है और उल्टा पीड़ित को धमकियां दी जाती है सन 2017 में पीड़ित घटना दिनांक से 15 दिनों तक मानसिक व शारिरिक प्रताड़ना दी गई थी व निर्दोष व्यक्ति को लालपुर पुलिस के द्वारा तत्कालीन विधायक से राजनैतिक दबाव में ही थर्ड डिग्री टार्चर किया गया था जिसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी, आईजी के द्वारा उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया था जिसकी अवमानना करते हुए रिश्वतखोर व नेताओं के तलवे चाटने वाला निरीक्षक एल पी पटेल द्वारा निर्दोष को गिरफ्तार किया गया था जबकि आईजी आईपीएस पी.गौतम द्वारा 28 अगस्त 2017 को उच्च स्तरीय जांच करने पश्चात दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था,व इसकी अवहेलना करते हुए 30 अगस्त को निर्दोष को थाना बुलाकर गिरफ्तार किया गया व उनके वकील को भी कोई जानकारी नहीं दी गई, इसके बाद थर्ड डिग्री टार्चर किया गया और न्यायालय में धारा 151 के तहत पेश किया गया,जब इसकी जानकारी आईजी को हुई तो तत्कालीन एसपी को निर्देशित कर टीम गठित कर जांच करने कहा गया, जिसके बाद राजनैतिक दबाव में आकर एसडीओपी, राजपत्रित अधिकारी के द्वारा गठित टीम ने निर्दोष व्यक्ति व उनके पिता को जान से मारने की धमकी देकर जबरन गन प्वाइंट पर रखकर समझौता कागज पर हस्ताक्षर करवाया गया था। वर्तमान में जिस तरह की घटना घटित हुई और पुलिस के द्वारा किये व्यवहार से पीड़ित काफी डरा हुआ है और लालपुर पुलिस से पीड़ित की जान को खतरा बना हुआ है आखिर किया क्या जा सकता है अब देखना यह होगा कि लालपुर पुलिस चोरी की घटना पर और क्या कार्रवाई करती है।
बता दें कि थाना लालपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम डिंडोरी विगत 40 वर्षों से अपराधों का गढ़ बना हुआ है जहां पहले पूर्ण शांति रहती थी और अनेकों समाज के लोग मिलजुलकर रहते थे वहां लालपुर पुलिस के संरक्षण में आज यह ग्राम अपराध का गढ़ बन चुका है जहां छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक अनेक अपराधों में संलिप्त हैं लेकिन लालपुर पुलिस के द्वारा शिवाय रिश्वत लेने व डरा धमकाकर समझौता करने आदि के अलावा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है जब अत्यंत राजनीतिक दबाव या लोगों के द्वारा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी जाती है तब जाकर किसी तरह की कार्रवाई हो पाती है यहां चोरी डकैती से लेकर हत्या के प्रयास व हत्या के थाना लालपुर में सैकड़ों अपराध दर्ज है जिनमें अधिकतर हत्या के ही अपराध हैं हाल ही में बेमेतरा जिले के थाना नवागढ़ में ग्राम खैरी में मिले अज्ञात लाश जिसकी पहचान बाद में हुई की हत्या का मुख्य आरोपी भी इसी गांव से है जो कि नाबालिग है इससे पूर्व में भी नाबालिग आरोपी के द्वारा थाना फास्टरपुर में चोरी व एक और हत्या के प्रयास की घटना गठित की गई थी जो प्रकरण अभी भी न्यायालय में लंबित है और पुलिस को चैलेंज करने वाली हत्या की घटना को अंजाम देने के आरोप में वर्तमान में बेमेतरा बाल सुधार गृह में रखा गया है ,ग्रामीण डिंडोरी में घोटालों व भ्रष्टाचार को लेकर विवाद में हत्या के प्रयास और 2011 में गोली मारकर हत्या करने गोलीकांड घटना के साथ कुख्यात गांवों की सूची में जिले में अपना नाम दर्ज करा चुकी है जिस पर लालपुर पुलिस द्वारा आज तक फरार आरोपियों की ना खोजबीन की गई है और ना ही उन्हें पकड़ने में सफल हुई है जो कि लालपुर पुलिस के न कामयाबी को दर्शाती हैं ग्राम डिंडोरी को अपराध का गढ़ बनाने में कहीं ना कहीं लालपुर पुलिस की मुख्य भूमिका है और इसका मुख्य वजह है किसी भी मामले को गंभीरता से ना लेना वह त्वरित कार्यवाही नहीं करने के कारण ही गांधी नवरी आज इस हद पर पहुंच गई है जिससे इस गांव में लोग किसी तरह का रिश्ता रखने या नया रिश्ता बनाने से डरते वह कतराते हैं अब देखना यह है कि जहां मुंगेली पुलिस अनेक योजनाएं वह पहले कर रही है जिससे जिले को अपराध मुक्त वह लोगों को जागरूक करने में प्रदेश में सबसे पहले स्थान पर हो सके तो क्या पूरे जिले में जिस तरह की कार्रवाई व जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है क्या लालपुर थाने को भी इसमें शामिल किया जाएगा प्राथमिकता दी जाएगी वह क्या ग्राम जनवरी को अपराध के गढ़ से एक शांत व खुशहाल गांव के रूप में परिवर्तित करने की कोशिश करेगी न्यूज़ लाईन नेटवर्क जिला मुंगेली पुलिस उम्मीद करती है कि वह इस तरह के विशेष योजनाएं बनाकर जिले को अपराध मुक्त बनाने अभियान की ओर अग्रसर हो पाएगी और जिस तरह से उच्च अधिकारियों के निर्देशन पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है उसके लिए भी बधाइयां व भविष्य के लिए अग्रिम शुभकामनाएं देती है।

न्यू २

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