चुनाव के बेरा अऊ नेता
रचना:- पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
मुंगेली-छत्तीसगढ़ 8120032834/7828657057
जइसे –जइसे चुनाव लकठियावत हे
फिजा के आलम बदलत जावत हे
मिडिया वाले घलो कवरेज देखावत हे
ऐखर मतलब मोरो समझ में आवत हे
कल तक जो नेता पुछत नई रिहिस
साथ म प्रचार करवाये बय
वो आज गरीब किसान ल घलो
अपन माई- बाप बतावत हे
जइसे –जइसे चुनाव लकठियावत हे
फिजा के आलम बदलत जावत हे |
कल तक जेन नेता दबंगई ले बात-बात म
उछालय लोगन के इज्जत बाजार म
वो आज अपन इज्जत बचाय के सेति
आँसू के गंगा बोहावत हे।
अऊ ते अऊ जे नेता VVIP रहिस कालि तक
आज एक-एक वोट बर दर-दर हाथ फइलावत हे
जइसे –जइसे चुनाव लकठियावत हे
फिजा के आलम बदलत जावत हे |
का “राजा” अऊ का “युवराज”
हर कोई वादा के चक्कर चलावत हे
कोनो आरक्षण के कोटा
त कोनो कोटा म कोटा देके लुभावत हे
कोनो फोकट में शिक्षा, त कोनो इलाज
कोनो बेरोजगारी भत्ता, त कोनो मकान
अऊ कोनो शादी कराए के सपना देखावत हे
जेला कल तक नफरत रहिस कंप्यूटर के नाम ले
उहू आज फोकट में लेपटॉप बाटहू काहत हे
जइसे –जइसे चुनाव लकठियावत हे
फिजा के आलम बदलत जावत हे।।
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