Monday, October 21, 2019

यूं ही


गुजारिश हमारी वह मान न सके,
मज़बूरी हमारी वह जान न सके,
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे,
जीते जी जो हमें पहचान न सके

    ©पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी®
            मुंगेली छत्तीसगढ़

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