ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
पर धर्मनिरपेक्ष भारत में
1जनवरी को नववर्ष मानने वाले को 2020 की शुभकामनाएं
ये धुंध कुहासा छंटने दो
रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
फागुन का रंग बिखरने दो,
प्रकृति दुल्हन का रूप धर
जब स्नेह – सुधा बरसायेगी
शस्य – श्यामला धरती माता
घर -घर खुशहाली लायेगी,
तब चैत्र-शुक्ल की प्रथम तिथि
नव वर्ष मनाया जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
जय-गान सुनाया जायेगा...
🚩॥ वन्दे मातरम॥🚩
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