🔴 *आज का प्रात: संदेश* 🔴
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*परमपिता परमात्मा के द्वारा बनाई गई यह सृष्टि निरंतर गतिमान है , समय चक्र निरंतर चलता रहता है | जोी कल था वह आज नहीं है , जो आज है वह कल नहीं रहेगा समस्त कालखंड को तीन भागों में विभक्त किया गया है जिसे हमारे विद्वानों ने भूतकाल , वर्तमानकाल एवं भविष्यकाल कहा है | जो बीत गया वह भूतकाल हो गया , जो चल रहा है वह वर्तमान है और आने वाला भविष्यकाल कहा जाता है | मनुष्य को सदैव वर्तमान में जीवन जीना चाहिए कल हम क्या थे ? आने वाले कल में है क्या होंगे ? इसके विषय में बहुत ज्यादा विचार ना करके हम आज क्या है इस पर विचार करना ही बुद्धिमत्ता कही जाती है | शायद इसीलिए हमारे महापुरुषों ने लिखा है कि :-- "गतम् शोको न कर्तव्यो , भविष्यं नैव चिन्तयेत् ! वर्तमानेषु कार्येषु वर्तयन्ति विचक्षण: !!" अर्थात जो व्यतीत हो गया उसके विषय में शोक नहीं करना चाहिए जो भविष्य में आने वाला है उसके बारे में चिंता नहीं करना चाहिए वर्तमान में विचरण करते हुए जीवन को सुंदर से सुंदर बनाने का प्रयास करते रहना चाहिए | वर्तमान क्या है ? इस पर विचार करना परम आवश्यक है | इस समय हम जो कर रहे हैं देख रहे हैं या जिस क्षण का उपयोग कर रहे हैं वहीं वर्तमान है | भूत , भविष्य , वर्तमान तीनों में से वर्तमान ही हमारे पास रहता है इसलिए प्रत्येक मनुष्य को वर्तमान के प्रत्येक क्षण का उपयोग बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए | क्योंकि इसी वर्तमान के क्षण में शाश्वत छिपा है , जिसमें विराट का दर्शन होता है | समय का प्रवाह अखंड एवं शाश्वत है , इसमें निरंतरता है | वर्तमान के क्षणों को निरर्थक मानकर महत्वहीन समझने की भूल नहीं करनी चाहिए , क्योंकि यही द्वार है जीवन में प्रवेश करने का | जो जीवन को जानता है , इसके उद्देश्य एवं लक्ष्य को भी समझता है , उसे वर्तमान के क्षणों में ही गहरे - गहन अवगाहन करने से परम की उपलब्धि होती है | यह सब कुछ निर्भर करता है वर्तमान के क्षणों एवं पलों के सदुपयोग एवं उनके सुनियोजन से | क्षण- क्षण से ही जीवन बनता है , इस सत्य की समझ से ही जीवन का रहस्य अनावृत होता है | वर्तमान को छोड़ भविष्य की योजना बनाना एक दिवास्वप्न के समान है और ऐसे ही वर्तमान को छोड़कर अतीत में ही उलझे रहना एक बिडंबना के समान है , परंतु जो वर्तमान को पहचान कर उसके प्रति सजग रहते हैं वे एक ऐसे जीवन को प्राप्त कर लेते हैं, जिसका प्रत्येक क्षण मूल्यवान बन जाता है |*
*आज के आधुनिक युग में मनुष्य पहले की अपेक्षा शिक्षित तो हुआ है परंतु विवेकवान भी हो गया है यह कहना थोड़ा कठिन है , क्योंकि आज प्राय: यह देखने को मिल रहा है कि लोग भविष्य की योजनाओं में डूबे रहते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि उनका वर्तमान पल पल उनके हाथ से निकलता चला जाता है | कुछ लोग अपने बीते हुए भूतकाल की सुनहरी यादों में खोए रहते हैं जिससे वह वर्तमान में कुछ भी नहीं कर पाते | भविष्य की योजनाएं बनाना अच्छी बात है परंतु भविष्य की योजनाएं बनाते समय वर्तमान को गंवा देना बुद्धिमत्ता नहीं कही जा सकती | मेरा मानना है कि जो वर्तमान के क्षणों को भली-भांति समुचित तरीके से प्रयोग करता है उसका भविष्य चमकने लगता है और भविष्य की योजनाएं बनाते रहे मात्र से कुछ भी नहीं होने वाला है , क्योंकि भविष्य की योजनाओं को सफल करने के लिए मनुष्य को वर्तमान में कर्म करना पड़ेगा | वर्तमान समय का समुचित प्रयोग किए बिना भविष्य कभी भी उज्जवल नहीं हो सकता है | यदि सकारात्मकता से देखा जाय तो सत्य यह है कि जो जीवन का सत्य पाना चाहता है उसे वर्तमान क्षण में जीने की कला आनी चाहिए | जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी क्षण को व्यर्थ न जाने दिया जाय और हर क्षण शुभकर्म करते रहा जाय | बूँद- बूँद से सागर बनता है और क्षण-क्षण से जीवन और इस बूँद को जो पहचान लेता है वह जीवन को पा लेता है | बीता हुआ भूतकाल कभी वापस नहीं आ सकता और आने वाला भविष्य काल समय से पहले नहीं आ सकता परंतु वर्तमान अपने हाथ में ही जो चाहिए जैसा चाहे वर्तमान का प्रयोग किया जा सकता है इसीलिए प्रत्येक मनुष्य को वर्तमान में जीवन जीना चाहिए |*
*वर्तमान के क्षणों का उपयोग प्रत्येक मनुष्य को बहुत ही सावधानी से करना चाहिए क्योंकि भविष्य का महल वर्तमान की मजबूत नींव पर ही खड़ा होता है |*
🌺💥🌺 *जय श्री हरि* 🌺💥🌺
सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की *"मंगलमय कामना-----*🙏🏻🙏🏻🌹
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आपका अपना
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
मुंगेली छत्तीसगढ़
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७
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