माता-पिता और बच्चों के बीच का रिश्ता हर बंधन से बढ़कर है बच्चा माता पिता का ही अंश होता है जहां मां बच्चे पर भरपूर मातृत्व बरसाती है तो वहीं पिता बच्चे को समाज में एक सुरक्षित वातावरण और उनकी जरूरतों को पूरा करने का हर मुमकिन प्रयास करता है
माता पिता अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं वैसे तो दुनिया में कई सारे रिलेशनशिप होते हैं लेकिन माता पिता से रिश्ता किसी कारण से नहीं होता न ही माता पिता अपने बच्चे से किसी चीज की चाह रखते हैं अगर वह कोई उम्मीद रखते भी हैं तो वह सिर्फ बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने की उम्मीद है
हालांकि आज के दौर में बच्चे बड़े होने के साथ माता पिता के प्यार बलिदान परिश्रम को भूल जाते हैं वह ज्यादातर अपने कामों,दोस्तों और भविष्य को लेकर इतना व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें बाहरी दुनियाँ और दोस्तों के कारण वह माता पिता की परवाह ही नहीं करते उनके साथ बैठना उनसे बातें करना उनके बारे मे कुछ जानना ये सब उन्हें अच्छा नहीं लगता
अगर माता पिता के साथ बैठना भी पड़ जाये तों उनकी सुनने के लियॆ नहीं केवल अपनी सुनाने के लियॆ बैठते है अपनी जरूरतों को पूरी करने के लियॆ बैठते है
बच्चों के लिए कभी कभी अपने माता पिता के निस्वार्थ प्रेम और उनके समर्पण बलिदान की सराहना भी करनी चाहियॆ इससे उनको आत्मबल मिलता है आपके अंदर एक अच्छे संस्कारों जन्म होता है और इससे आपके आने बाला कल और आपका भविष्य भी उज्जवल होता है
अगर आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते तों कम से कम श्रधा पूर्वक सुबह शाम उनके पैर छूकर बहुत सारे शुभ आशीर्वाद तों आप उनसे ले ही सकते हो ना उनके लियॆ इतना काफी है
माता पिता के लियॆ आपके प्यार के दो शब्द काफी है उन्हें आपके धन दौलत कि इतनी उन्हें आवश्यकता नहीं होती जितना आप उनके बारे मे सोचते इस गलत फ़ैमि को आप दिल से दूर करें और अपना थोड़ा कीमती समय भी उनके साथ बैठकर गुजारने का कष्ट करें यही उनके लियॆ पर्याप्त
इसलिये रोज श्रधा पूर्वक अपने माता पिता अपने गुरुजनों को अपने बड़ों को प्रणाम करे इससे आपके जीवन शुभ संस्कार जागृत होते है जीवन कि बहुत सारी मुसीबतें स्वतः ही नष्ट होने लगती है आपके संपूर्ण अमंगलों का नाश होता है और आपके जीवन मे सर्वत्र मंगल ही मंगल होने लगता है
मित्रों जब आप अपनी किसी भी समस्या का समाधान कराते हुये पूरी तरह से थक चुके हो और आपको भविष्य मैं कही भी कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा हो तभी आप हमसें संपर्क करें अन्यथा आप भूलकर भी हमसें बिल्कुल संपर्क ना करें।
पं.खेमेश्वरपुरी गोस्वामी
धार्मिक प्रवक्ता - ओज कवि
राष्ट्रीय प्रवक्ता
राष्ट्र भाषा प्रचार मंच-भारत
डिंडोरी,मुंगेली,छत्तीसगढ़