तभो ले फीलिंग बने हे...!!
रचना:-खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
मुंगेली-छत्तीसगढ़ ८१२००३२८३४
तोर जीवन में ओ आइस नहीं,तभो ले फीलिंग बने हे.
कोनो सुख ते हर देखेस नहीं,तभो ले फीलिंग बने हे.
डिगरी धरे हस खीसा मा फेर रिश्वत नई हे
नौकरी खोजे में घलो मिलत नहीं,तभो ले फीलिंग बने हे.
घर का राशन खतम हो गे ते का होईस उपास धर
जेब में फूटे घलो एक कौड़ी नहीं, तभो ले फीलिंग बने हे.
घूस लेके घलो पुलिस के गलत करई कम हे का ?
तेरी नज़र में पुलिस बने नहीं, तभो ले फीलिंग बने हे.
कालि तक रहिस गारी देवइहा ,आज पार्टी के नेता हे
कुछ समझ मा बात ए आइस नहीं, तभो ले फीलिंग बने हे.
देश क़र्जा में धँसत हे,भ्रष्टता हवय चरम मां अब
बात तुमन कभू ये कभू सोचेंव नहीं, तभो ले फीलिंग बने हे.
आप जनता हरव टइम के आपला परवाह का.?
रेल टाइम ले कभू तो आत नहीं, तभो ले फीलिंग बने हे.
एक झैन मंडल बनाइस, ते एक हर बंडल करिस
बात दूनों के हमला भाइस नहीं, तभो ले फीलिंग बने हे.
नाम इक दिन आही इतिहास में ‘अनमोल’ के
आज एला कोई जानय नहीं, तभो ले फीलिंग बने हे...!!
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