Monday, July 2, 2018

नानपन याद रही मरे के बाद भी

लिखते लिखते न जाने खो गया था मैं।
सच कहूं तो बचपन में चला गया था मैं।।
रचना की आधी अंश प्रस्तुत है आपके आशीष मिले
नानपन याद रही मरे के बाद भी...
रचना:- पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
"छत्तीसगढ़िया"
मुंगेली-छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-७८२८६५७०५७

न कुछ पाये के आशा न कुछ गंवाए ऐ संशो ..
बस अपनेच धुन म, बस अपन सपना के घरघुंदिहा के घर,
काश मिल जए फेर मोला वो नानपन के पहर।

लबारी घलो मारन तभो ले सच के सइका रहेंन,
  ये ओदिन के बात ये
जब हमन लइका रहेन।

नान्हेंपन घलो  कमाल के रिहिच,
खेलत खेलत चाहि लेंटर म सोइन या भुंइया म
आँखी बिहना खटिये मा खुलत रिहिच !!

सुकून के बात झन कर ऐ मयारू ,
नानपन वाले इतवार अब अब नई आवय।
मोर परोसी जऊंहर समारू
तोर गोठ सुने बिन मन मोर नई भावय।।

दांत नख दबा किट्टी पारे के
नखरा बड़ सुहावय!
कतका सुग्घर रहिच नानपन
दू अंगठी जोरे ले ठिठोली फेर ले शुरु हो जावय।। 

कोनो तो लहुटा दव मोला लइकुशहा के सावन।
बरसा के पानी में कागच के डोंगा बोहावन।।

हे बरमहा अब के जउन मोर कहानी लिखबे।😞
नानपन म ही मर जावंव अइसन जिनगानी लिखबे।।👏🏻

जिनगी फेर नई मुसकाय,नानपन कस देखेहंव।
मैं माटी के जमाना अऊ खेलौना तको देखे हंव।।

नानपन म तो संझा के संगवारी घलो होथे।
अब तो बिहना के बाद सोज्झे रात तो हो जाथे।।

हांसे बर घलो कारन खोजे पर परत हे ।
लगथे अब मोर नानपन ह खतम होवत हे।।

आवत जावत रहे कर दरद तही तो नानपन के संगी होथस।
जउंहर हस तहूं समय जुवानी के लालच में बचपन के तंगी देथस।।

काग़ज़ के कश्ती म पानी के किनारा रहिस!
खेले खाय के मस्ती में ये दिल अवारा रहिस।
कहाँ आ गेंव समझदारी के चिखला मा,
वो बचपन कतेक पिंयारा रहिस।।

कभू आ जा पिरोही ,टुटहा चुरी ले नानपन कस आज मया ल नाप लेथन।
कोन कइथे नई आय ननपन, उमन बरसा भुलागे हे,आज फेर ओ डोंगा चला लेथन।।

उहू दिन का दिन रहिच जब दिल नहीं,
खाली खेलवना टूटत रहिस।
अब तो एक आंसू घलो नि सहाय जेन तब जी भर के रोत रहिस।।

मोला फेर लेे थमहा दे ओ अम्मा मोर स्कूल झोला ल खोज जा।
अब मोर ले नई सहाय जिनगी के भारी बोज्झा।। 

सुरता आथे वो बचपन के दिन, छुट्टी म बगइचा जावत रहेन।
जोगनी ल पकड़ के डब्बा म अमन आसमान ल सजावत रहेन।।

तभे तो सुरता हे मोला ओ दिन के हर अंदाज भी। नान्हेंपन के खिलखिलाना मयारू ले लड़ना, रूठना, मनाना
नई भुलंल कभी मैं ऐला
नानपन याद रही मरे के बाद भी.....
याद रही मरे के बाद भी!!

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