मया पिरा में सोवइया हो,अभी बेरा हे जाग जावव..
एखर ले पहिली के तुंहर ए नींद, राज ल ले डुवय...
जाति-पाती मा देश ला , बांटके बन्टाधार करइया...
अपन हित चाहत हव, ते अब तो एक हो जावव…
भाखा के नाम मा लड़इया होवा…….
हिंदी ला जग के सिरमौर बनावव………….
राष्ट्र हित मा कुछु तो तियागे करव तुमन
एखर ले पहिले के देश फेर ले गुलाम बन जावय…….
आधुनिकता केवल पहिनावा ले नि होय संगी....
बात ला अभी भी धर लव तुमन………….
फिर कभू कोनों लंग कोनो भूखे झन सोए...
कोनो इसन क्रांति ले आवव तुमन………….
भारत मा हर कोनो शिक्षित होवय…….
देश ला अइसन पढ़ावव तुमन…………
अभीन ले बेरा हे तुमन जागव,
अब एक नवा इतिहास लिखव।।
✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी✍
मुंगेली छत्तीसगढ़
७८२८६५७०५७
८१२००३२८३४
khemeshwarpurigoswami@gmail.com
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