भाई बहन के मया उपर एक ठी रचना समर्पित करथौं, मया देहू
✒-पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
मुंगेली-छत्तीसगढ़ 7828657057
भाई-बहिनी के मया के बंधन होथे हे बड़ खपटे
चाहे लाख मुसीबत आए, ये रिश्ता कभू नि टूटे
बहिनी ,दाई कस भाई उपर
ममता घलो बरसाथे
भाई घलो हर कष्ट सहिके अपन बहिनी बर जान लुटाथे
कभू कभू मीठ मीठ झगरा
होथे दूनों के बीच
त कभू दूनों एक-दूसर के ताकत तको बन जाथें
कभू नान-नान चीजन बर लड़त रहिन हे जौन
एक-दूसर खातिर कब बड़े बड़े कुर्बानी दे जाथें
वो राखी अऊ भाईदूज ये रिश्ते ल फेर संवार तो जाथें
दिल के नजदीकी के आगू दूरी सबो ए मिटा मिटा जाथे
भाई-बहन दूनो बिन कहे एक-दूसर की बात समझ तो जाथे
बहन के हाथ के बने पकवान, हमेशा भाई लिए ल तो भाथे
हर गुजरे दिन के साथ
ए रिश्ता के अहमियत बढ़त अब जाथे
बचपन के खट्टा-मीठा सुरता,
ए रिश्ता में अऊ मिठास तो घोल जाथे।
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