Friday, August 2, 2019

एक कलम आज के नाम

तमन्नाएं भी उम्र भर कम नहीं होंगी, समस्याएं भी कभी हल नहीं होंगी ।
फिर भी हम जी रहे हैं वर्षों से इस तमन्ना में कि मुश्किलें जो आज हैं, शायद कल नहीं होंगी ।

जो नजर से गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं,
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।

       ©पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी®
              मुंगेली छत्तीसगढ़
   ७८२८६५७०५७-/-८१२००३२८३४

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