जब याद तेरी आती है
आंखों से छलक जाता है..(२)
कितना भी छुपाऊं इनको
पर प्यार झलक जाता है...(२)...(२)
तेरी ओ मीठी बँतियां (२)
अब याद मुझे आती है...(२)
फिर से उनको सुनने को ...ये दिल तड़प जाता है...
जब याद तेरी आती है..........
हसीन सा तेरा चेहरा ...(२)
उन पर जुल्फों का पहरा....(.२)
वो कानों की जो बाली (२)
तेरी अधरोँ की ओ लाली....(२)
तेरे बालों का गजरा.. यादों में अटक जाता है.....
जब याद तेरी आती है............……
वो दिन भी क्या दिन थे..(२)
जब हम दोनों मिलते थे...(२)
लगता था यूं कि जैसे .(२)
बगिया में फूल खिलथे थे..(२)
देख के जोड़ी अपनी.(२)
जहां के लोग यूं जलते थे..(२)
मुझसे बिछड़कर अब ..क्या ओ चहक आता है.....
जब याद तेरी आती है......
तेरा मचल के चलना.(२)
संग में ओ आहें भरना..(२)
हिरनी सी चाल तेरी..(२)
उसपर तानें मेरे कसना..(२)
थी अपनी ही सरकार..(२)
फिर था ही किससे डरना..(२)
क्या ऐसे ही बिन बात, बोलो कोई बहक जाता है....
जब याद तेरी आती है.......
तेरी ओ अंतिम बातें.(२)
पिया संग में सदा रहेंगे..(२)
तेरी मधुर ओ वादें.(२)
अब संग ही जिएं मरेंगे.(२)
दूर चले गए जो तुम हो.(२)
अब हम कैसे प्रीत गढ़ेंगे..(२)
बिन मेरे फिर कैसे अब..वो दिल धड़क जाता है..
जब याद तेरी आती है…………
जब याद तेरी आती है
आंखों से छलक जाता है..(२)
कितना भी छुपाऊं इनको
पर प्यार झलक जाता है...(२)...(२)
तेरी ओ मीठी बँतियां (२)
अब याद मुझे आती है...(२)
फिर से उनको सुनने को ...ये दिल तड़प जाता है...
©सर्वाधिकार सुरक्षित®
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
व्यंग्य, लेखक, गीतकार
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७
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