*जब दर्द और कड़वी बोली*
*दोनों सहन होने लगे*
*तो समझ लेना की..*
*जीना आ गया ।।*
*प्रतिभा ईश्वर से मिलती है,*
*नतमस्तक रहें..!*
*ख्याति समाज से मिलती है,*
*आभारी रहें..!*
*लेकिन,,,*
*मनोवृत्ति और घमंड स्वयं से मिलते हैं,*
*सावधान रहें..!!*
*🌻🌺 सुप्रभात 🌺🌻*
*आप का दिन शुभ हो*
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