🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹
*आप अकेले बोल तो सकते है;*
*परन्तु...*
*बातचीत नहीं कर सकते ।*
*आप अकेले आनन्दित हो सकते है*
*परन्तु...*
*उत्सव नहीं मना सकते।*
*अकेले आप मुस्करा तो सकते है*
*परन्तु...*
*हर्षोल्लास नहीं मना सकते.*
*हम सब एक दूसरे*
*के बिना कुछ नहीं हैं;*
*यही रिश्तों की खूबसूरती है...!!!!!!"""!!!!!!*
🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌹🌿
*प्यारी-सी सुबह का प्यारा-सा प्रणाम*
*🙏🏻😊सुप्रभात😊🙏🏻*
No comments:
Post a Comment