हमारे देश में विचारों का सम्मान किया जाता है दिखावे के लिए।
जयंती पर फूल माला साथ मिठाई लाते हैं बस चढ़ावे के लिए..!
विचार दिमाग के ऊपर से और सम्मान पैरों तले से निकल जाती है,
भ्रष्ट खूब बनो गांधी वादी के आड़ में,ओ छोड़ गए हैं खादी पहनावे के लिए..!!
©पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी®
ओज-व्यंग्य कवि
मुंगेली छत्तीसगढ़
No comments:
Post a Comment