Friday, October 4, 2019

जन्म दिवस :- रामचन्द्र शुक्ल जी

जन्म दिवस : रामचन्द्र शुक्ल (1884)

जन्म स्थान – बस्ती जिला (अगोना)

साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का जन्म सन् 1884 ई० में अगोना नामक गाँव में हुआ था, इनके पिता चन्द्रबली शुक्ल मिर्जापुर में कानूनगो थे, इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा अपने पिता के पास, मिर्ज़ापुर जिले की राठ तहसील में हुई और इन्होने मिशन स्कूल में दसवी की परीक्षा उत्तीर्ण की; गणित में अत्यधिक कमजोर होने के कारण ये आगे पढ़ नहीं सके ये अपनी इंटरमीडिएट की शिक्षा इलाहाबाद से की किन्तु परीक्षा से पूर्व ही इनका विद्यालय छुट गया, इसके पश्चात् इन्होने मिर्ज़ापुर के न्यायालय में नौकरी प्रारंभ कर दी यह नौकरी इनके अनकूल नहीं थी।

इन्होने कुछ दिन तक अध्यापन का कार्य सम्हाला, अध्यापन का कार्य करते हुए इन्होने अनेक प्रकार की कहानी, निबंध, कविता आदि नाटक की रचना की।

इनकी विद्वता से प्रभावित होकर इन्हे *हिंदी शब्द सागर* के सम्पादन कार्य में सहयोग के लिए श्याम सुंदर दास जी द्वारा काशी नगरी प्रचारिणी सभा में ससम्मान बुलाया गया, इन्होने 19 वर्ष तक *काशी नगरी प्रचारिणी पत्रिका* का संपादन भी किया।

स्वाभिमानी और गंभीर प्रकृति का हिंदी का यह दिग्गज साहित्यकार सन् 1941 ई० को स्वर्गवासी हो गये।

साहित्यिक परिचय –

शुक्ल जी को हिन्दी के एक प्रसिद्ध निबंधकार के रूप में जाने जाते हैं हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में इन्होने बहुत बड़ा योगदान दिया है, शुक्ल जी ने अत्यंत खोज पूर्ण *हिन्दी साहित्य का इतिहास* लिखा, जिस पर इन्हें हिन्दुस्तानी अकादमी से 500 रुपये का पारितोषिक सम्मान मिला *..*..

इसके पश्चात् शुक्ल जी ने *काशी हिन्दू विश्वविद्यालय* में प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति ली और कुछ ही समय के बाद वहीं पर हिन्दी विभाग के अध्यक्ष के पद पर सुशोभित हुए *.*. अपने निबंधो में आपने करुणा, क्रोध, रहस्यवाद आदि का बहुत ही अनूठा समावेश किया है *..*..

रचनायें –

शुक्ल जी एक प्रसिद्ध निबंधकार, निष्पक्ष आलोचक, श्रेष्ठ इतिहासकार और सफल संपादक थे, अपने अध्यापन काल के दौरान इन्होंने कई प्रकार के ग्रन्थों की रचना की यह एक युग प्रवर्तक एवं प्रतिभा संपन्न रचनाकार थे, शुक्ल जी अपने समय के सबसे प्रसिद्ध रचनाकार माने जाते है इनकी रचना शैली में सबसे प्रमुख *आलोचनात्मक* शैली है।

निबन्ध –

*चिंतामणि* ; *विचारवीथी*

सम्पादन –

*जायसी ग्रन्थावली*, *तुलसी ग्रन्थावली*, *भ्रमरगीत सार*, *हिन्दी शब्द-सागर* और *काशी नागरी प्रचारिणी पत्रिका*

हिंदी साहित्य पर आपके योगदान का देशवासी सदैव ऋणी रहेगा *..*।।
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                         प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

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