*// केरोना //*
माना कि आप परुष ही नहीं साहब !महापुरुष है, आत्मा नहीं प्यारे महात्मा हैं, सर्वसुख ऐश्वर्य सम्पन्न हैं, सारा जगत आपकी मुट्ठी में कैद है, आप तो महाविज्ञानी और महाशूरवीर हैं, चन्द्रमा और मंगल जैसे ग्रहों पर भी जाने का सामर्थ्य रखते हैं और क्या कहें साहब ! *"अस सब भाँति अलौकिक करनी महिमा जासु जाइ नहीं बरनी"---आपकी महिमा ही अलौकिक है, भला आपकी महिमा का बखान करने का सामर्थ्य कौन कर सकता है? जी हाँ यही सत्य है, किन्तु महोदय एक वायरस ने आपको तो क्या समस्त विश्व को ही प्रभावित कर दिया, सारी शूरवीरता, भौतिक बल और ज्ञान को परास्त कर दिया, जबकि ऐसे एक-दो नहीं महात्मन ! करोड़ों वायरस हैं इस जगत में, जो शनैः शनैः इस अनमोल मानव जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, जिनका नाम आज भी बड़े-बड़े मनीषी जन भी नहीं जानते हैं और जान भी नहीं सकते हैं क्योंकि बिना रामकृपा के जानना भी दुष्कर और असम्भव है--- *"जेहि जानहु सो देहि जनाई l"* सोच रहा था यदि--- *"करहिं आहार साक फल कंदा सुमिरहिं ब्रम्ह सच्चिदानंदा"*---जैसे सिद्धांत का पालन किया होता तो नि:संदेह आज भारत तो क्या सम्पूर्ण विश्व केरोना जैसे वायरस से इतना भयभीत न होता l
केरोना जैसे प्राण घातक वायरस से सुरक्षित रहने का एक ही शाश्वत साधन है रामत्व धारण करना, रामत्व की सानिध्यता में रहना, रामत्व को ही स्वजीवनाधार, आत्माधार और प्राणाधार बनाना--- *"करहिं आहार साक फल कंदा सुमिरहिं ब्रम्ह सच्चिदानंदा l"* मानवता की सानिध्यता में रहना l जिसे आज सम्पूर्ण विश्व मान रहा है l क्या विचार हैं आपके?
*🙏🚩जय सियाराम जय श्री परशुराम*
आपका अपना
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
मुंगेली छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७
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