Saturday, April 18, 2020

⛳पुण्य कमा लो,⛳ जीवन संवारो⛳


*⛳पुण्य कमा लो,⛳ जीवन संवारो⛳*

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*🚩मुझे खुद नहीं पता था कि मैं पुण्य का काम कर रहा हूं। अभी कुछ समय पहले एक मित्र🤝🏻 मिले उन्होंने मुझे बताया कि आपने पुण्य का काम किया । मुझको नहीं पता चला तो मैंने उनसे पूछा कैसे ❓तो उन्होंने बताया कि Facebook में आपकी पोस्ट देखी थी उसमें आपने गौ सेवा के बारे में लिखा✒ था तथा पूछा था कि धर्म 🕉 के बारे में जानने का इच्छुक हो तो अपना नंबर भेजें । उन सज्जन ने अपना नंबर Facebook में भेज दिया । मैंने उनको अपने WhatsApp समूह में जोड़➕ दिया । उनका कहना है कि कुछ दिनों की पोस्टों को देखने ओर पढ़ने के बाद धर्म के बारे में उनके विचार बदलने लगे। और वह कहते हैं कि आज वह सच्चे मायने में धर्म के लिए कुछ करने के लिए तत्पर हैं ।  मुझे यह जानकर खुशी हुई।*


 *मुझे खुद भी नहीं पता था कि मैं धर्म🕉 के लिए निस्वार्थ भाव से एक सेवा कर रहा हूं । जब उसका परिणाम किसी ने स्वयं अपने मुंह🗣 से बताया  तो मुझे बहुत अच्छा लगा ।*😌😊😊

*एक बात मैं आपको बताता हूं धर्म करने के लिए कबूतर🕊 को दाना डालते हो , चींटियों🐜 को आटा डालते हो सिर्फ इसलिए कि उसका पुण्य मिलेगा । क्या आप दाना ना डालो या आटा ना डालो तो क्या कबूतर 🕊को खाने को नहीं मिलेगा,  कबूतर भूखा रह जाएगा । यह आपने उसका पेट भरने के लिए ही नहीं किया यह अपना पुण्य कमाने के लिए किया । कबूतर 🕊आप के दानों के लिए भूखा नहीं बैठा रहता कि आप दाना डालोगे तभी उसका पेट भरेगा।* 

*अब आपको बताता हूं एक और पु्ण्य का पाने का तरीका । लोगों  को धर्म के बारे में सही जानकारी देना।  जैसे कि उन्हें धार्मिक समूह में जोड़ना । जब भी कोई व्यक्ति ऐसे किसी धार्मिक समूह में जुड़ता है और वहां से ज्ञान प्राप्त करता है तो आज नहीं तो कल वह याद करेगा कि आपने उसको धर्म धार्मिक समूह में जोड़ा था । आपको पुण्य मिलेगा । दूसरी बात कबूतर को दाना डालते तो वह भूखा नहीं रहता पर अगर आप आज किसी व्यक्ति को ऐसे धार्मिक समूह में नहीं छोड़ोगे तो जब तक वह नहीं जुड़ेगा सनातन धर्म के मामले में अज्ञानी या भूखा ही रहेगा ।  तो यह लोगों को जोड़ना भी एक तरह से पुण्य पाने का तरीका है । निस्वार्थ भाव से जोड़ने का काम करना चाहिए।  जिसको भी धर्म के ज्ञान से लाभ होगा वह जरूर आपको याद करेगा की आपने उसको इस समूह में जोड़ा था  । आप यूं समझ लीजिए कि आज के मशीनी युग में पुण्य कमाने का यह एक और तरीका है । निस्वार्थ भाव से अपने जानकार अपने रिश्तेदार अपने  पड़ोसियों को जोड़ते जाओ  ।  धर्म प्रचार होगा ही होगा । इसका पुण्य आप सबको मिलेगा ही मिलेगा।*


आप सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की *शुभ मंगल कामनाएं*
                   आपका अपना
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

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