निखार 
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तुझसे मेरी खुशियो मे रहता निखार है 
यही तो तेरा  प्यार है ।
बेकरारी आँखों मे लिये दिल को रहता 
बस तेरा इंतज़ार है।
करार  पाने  को दिल  ने हमको  किया 
बहुत बेज़ार है।
तुझसे दिल  को है  बेपनाह प्यार  तभी 
तो रहता तकरार है।
न   कोई   मायूसी   न  उलझने  रखिये 
कोशिशें जाती नही कभी बेकार है।
अक्ल और हिम्मत से पाते है हर मंजिल 
ए  चाहत  और  दिल  ए  सुकूँ  जो होते 
दिलेर और समझदार है।
मोहबब्त में फसाद और जंग कभी होते 
नही  जो   सनम  को  मान  लेते अपना 
खुदा और सरकार है।
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             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057
 
 
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