Monday, May 11, 2020

दर्द ए जुदाई में यूँ तेरी सदा याद रहा!


दर्द ए जुदाई में यूँ तेरी सदा याद रहा!
संभाला दिल फिर लबपे फरियाद रहा।

जताते कैसे इश्क़ का बहार ऐ सुखन!
दौर ए दुनियां से उलझते नाशाद रहा।

राफ़ता बने गर सफर कर चले आऊं!
पतादे किस दरपे फजाएँ आबाद रहा।

जीस्त जीलें जरा रुख ए पुर नूर होवे!
शबोरात दिल का दिलसे इरशाद रहा।

हम्मे  तुम  तुम्मे  हम  समा  चलें ऐसे!
प्यार की राह का पुख्ता बुनियाद रहा।

दर्द ए जुदाई में यूँ तेरी सदा याद रहा!
संभाला दिल फिर लबपे फरियाद रहा।


          ©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

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