नजर नजर से करे बात कर लेने दो!
वक़्त गुजरे यूँ पलकें ठहर लेने दो।
इश्क़ कहते हैं किसे आओ पूछें दिल से!
नशीली निगाहों से सनम खबर लेने दो।
मिलके चाहत की सदा हम केह पायें तो!
रह ए उल्फत पे वफ़ा संवर लेने दो।
हसीन सूरत को आंखें रखे बसा कर के!
होकर करीब तो दिल में उतर लेने दो।
ख्वाब जितने हैं संग सारे पूरे कर जाएंगे!
अपने आगोश में जरा चाह निखर लेने दो।
नजर नजर से करे बात कर लेने दो!
वक़्त गुजरे यूँ पलकें ठहर लेने दो।
©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057
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