इकाॅनोमी बूस्टर का भूत
घर - घर मचा रहा कोहराम
साजन सड़क पर पड़े टूल्ल
घर - घर पसरा भूख
देश का अर्थ बढ़े न बढ़े
घर का बिगड़ा हाल
माह भर से शांत पड़े थे
अब उगल रहे है आग
निकले थे राशन लाने
राह में देशभक्ति ने मारा जोर
फेक सड़क पर राशन का झोला
लग गये देश का अर्थ बढ़ाने
शांत लहू में आयी गर्मी
करने लगे दुश्मन की ऐसी - तैसी
जैसे - तैसे रौद्र रूप में घर को लौटे
करने लगे ' कोरोना ' की पिटाई
' कोरोना ' का तो पता नहीं
बच्चों संघ मैं भी हो गई घायल
घर का चुल्हा शांत पड़ा
भूख से पसरा घर में सन्नाटा
आग लगे ऐसे निर्णय पर
जो घर - घर मचाये तबाही ।
©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057
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