Saturday, July 11, 2020

सावन विशेष श्रीरामकथा अमृत सुधा-०६

🕉️📕 *सावन विशेष श्रीरामकथा अमृत सुधा-०६*
💢💢💢📣📣📣💢💢💢

🕉 📕 *श्री मानस सुधा सागर*📕🐚
🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰
🔅 *दैनिक कथा पाठ*🔅
💢💢💢📣📣📣💢💢💢
     *दक्ष यज्ञ : सती देह त्याग*
🔻🔹🔸🔺🔹🔸🔻
🗣
मईया सती मोह के कारण भगवान भोलेनाथ उनका मानसिक त्याग कर दिए, यह बात मईया को भी महसूस होगयी। दिन बितने लगे। अब
        *एक बार प्रजापति दक्ष ने कनखल नामक तीर्थ मे विशाल यज्ञ का आयोजन किया जिसमे उसने शिव जी को छोडकर बाकि सभी देवताओ,महर्षियो , मुनियो, गन्धर्वो, विद्याधरो और किन्नरो आदि को बूलाया |*
 य़ज्ञ के मुख्य पुरोहित भृगु बनाए गए | *शिव जी को यज्ञ मे अनुपस्थित देखकर एकमात्र दधिची महर्षि ने पहले तो दक्ष को बहूत ही तरह से समझाया पर जब दक्ष नही समझे तब वहॉ उपस्थित सभी लोगो की भर्तस्ना करते हूए वो उस स्थल का त्याग कर दिए |*
उधर गन्धमादन पर्वत पर स्थित अपने सखियो के साथ सती जी ने चन्द्रमा को कही बन सवर कर जाते देखा तो वो अपने मुख्य सखि विजया से पता लगाने को कहा |विजया चन्द्रमा से यह जान लेने के बाद कि वो दक्ष यज्ञ मे जा रहे है ,सती को यह बात बतलायी | यह सुनकर सती आश्चर्य मे पर गयी कि आखिर किस भूल के कारण हमे बूलाया नही |वो सखियो को वहॉ छोडकर अकेले शंकर जी से इसके बारे मे पूछने गयी  |कैलाश पर स्थित भोले भंडारी से अपनी शंका कही माता ने तो बाबा बोले कि *किसी के यहॉ बिना निमंत्रण के जाना नही चाहिए,इससे अपने सम्मान मे कमी होती है और जहॉ जाते है वहॉ सम्मान नही मिलता |* पर माता के जिद के आगे बाबा आज्ञा दे देते हैं | जब माता नंदी पर बैठ कर चली जाती है तब बाबा पूरे घटना पर सोचते है और यह कहते हूए कि अब आपसे मुलाकात इस शरीर मे नही होगी,मौन हो जाते हैं |
*वहॉ यज्ञ मे पहूचकर माता शिव भाग को नही देखती जिसका कारण पिता से पूछती है तब दक्ष उन्हे बहूत भर्तस्ना करते हूए कहते है कि तुम्हे रहना तो तो रहो या चले जाओ वापस पर हमे मत सिखाओ | माता एवं आयी हूयी अन्य बहनो ने भी उनसे बात नही की | वो दुखित और पश्चाताप करती हूयी यज्ञ मे उपस्थित सभी देवताओ एवं अन्य को यह कहते हूए कि बिना शिव के आप सब यह यज्ञ का संचालन मे उपस्थित रहकर अन्याय का साथ दे रहे है | वो बहूत दुखित होकर अपने शरीर को यज्ञ के हवन बेदी मे डाल देती है या कूद परती है | चारो तरफ हहाकार मच जाता है साथ मे आए शिव गण कोहराम मचाते है |*
इस खबर को सूनकर नारद जी से भोले नाथ अपने जटा के बाल से वीरभद्र की उत्पति करते है ( कही कही भद्रकाली भी) |ये बाबा की आज्ञा से यज्ञ स्थल पर जाते है और सबका विनाश कर देते है | भृगु की दाढी नोच लिया जाता है ,दक्ष के सर को काट कर यज्ञ मंडप मे डाल दिया  जाता है | भृगू द्वारा उत्पन्न किए गए वैदिक सैनिको को भी शिवगण परास्त कर देते हैं | *जब सभी पराजित हो जाते है तब ब्रह्मा जी अपने पूत्र की इस गति पर पश्चाताप करते हूए कैलाश आकर विभिन्न स्त्रोतो से भगवान् भोले भंडारी को खुश कर दक्ष को क्षमा कर पूनर्जीवन देने के लिए कहते हैं | तब शिवजी वहॉ जाकर दक्ष के सर पर बकरे का सर लगा कर पूनर्जीवित करते है और उसे क्षमा कर देते है |*
यही सती अगले जन्म में पार्वती बन कर शिव जी के द्वारा मानस कथा की श्रोता बनती है ।
🙏🏻
🔅
*पढ़ते रहे सावन विशेष श्रीरामकथा अमृतसुधा के सभी प्रस्तुति* 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें*⛳🙏🏻

*_ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।_*

⛳न्यायाधिकारी सभी को अपनी वक्रदृष्टि से पाप मुक्त करने वाले भगवान शनिदेव की जय😊💪🏻

                   आपका अपना
             "पं.खेमेश्वरपुरी गोस्वामी"
        धार्मिक प्रवक्ता-ओज-व्यंग्य कवि
                    राष्ट्रीय प्रवक्ता
           राष्ट्र भाषा प्रचार मंच-भारत
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

No comments:

Post a Comment

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...