*** तुम्हारी मुस्कानें ***
उजियारे का सार, तुम्हारी मुस्कानें .
अपना तो संसार, तुम्हारी मुस्कानें .
दीपोत्सव मे मिष्ठानो , पकवानो सी,
खुशियों का उपहार,तुम्हारी मुस्कानें .
रूप पूर्णिमा और सितारों से नयना,
घर-आँगन और द्वार , तुम्हारी मुस्कानें .
उड़ी तितलियां रेशम कलियों को छूकर,
ऐसी , इस प्रकार, तुम्हारी मुस्काने.
काव्य प्रेरणा ,सुन्दर शब्दों की बरखा,
गीतों का श्रंगार , तुम्हारी मुस्कानें .
मेरी पलकों का ,अभिवादन और नमन,
करती हैं स्वीकार , तुम्हारी मुस्काने.
स्नेह तुम्हारा अमृत , तुलसी , रंगोली,
जीवन का आधार, तुम्हारी मुस्कानें .
दिव्य चेतना , मेरी शक्ति और साहस ,
कंचन किरण हजार, तुम्हारी मुस्कानें .
*आशा क्रिश गोस्वामी*
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