Monday, November 16, 2020

तुम्हारी मुस्कानें .

*** तुम्हारी  मुस्कानें ***

उजियारे का सार, तुम्हारी  मुस्कानें .
अपना तो संसार, तुम्हारी  मुस्कानें .

दीपोत्सव मे मिष्ठानो , पकवानो  सी,
खुशियों का उपहार,तुम्हारी  मुस्कानें .

रूप  पूर्णिमा  और सितारों से नयना,
 घर-आँगन और द्वार , तुम्हारी मुस्कानें .

उड़ी तितलियां रेशम कलियों को छूकर,
ऐसी , इस प्रकार, तुम्हारी  मुस्काने.

काव्य प्रेरणा ,सुन्दर शब्दों की बरखा,
गीतों  का श्रंगार , तुम्हारी  मुस्कानें .

मेरी पलकों का ,अभिवादन  और नमन,
करती  हैं स्वीकार , तुम्हारी  मुस्काने.

स्नेह तुम्हारा अमृत , तुलसी , रंगोली,
जीवन  का आधार, तुम्हारी  मुस्कानें .

दिव्य चेतना , मेरी शक्ति और साहस , 
कंचन  किरण हजार, तुम्हारी  मुस्कानें .

       *आशा क्रिश गोस्वामी*

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