Tuesday, September 4, 2018

शिक्षकों के लिए एक दिन नहीं हर दिन होना चाहिए

ज्ञान ले बड़े कोनो नि होवे संगी बड़े हथियार।
स्कूल ले बड़े कोनो नि होवे मंदिर न दरबार।।
भले शुरुआत होथे उंहा जेला कहिथें परिवार।
फेर ओखर बाद ज्ञानमंदिर होथे हमर संसार।।
सीखाथें बहुत कुछ हमनला ज्ञान  इही संसार।
कुछ गुरुजी मन ले,कुछ सीखन तो संगी यार।।
कइसे बड़े हो जाथन, नि समझेंव  पाये न पार।
परभरमी बर हमन फेर कईसे हो जाथन तैयार।।

कतका अच्छा रहिसे ओ दिन जब हमन लईका रहेन।
काबर के ओ  दिन हमन  सबो  बुता बर सईका रहेन।।

हाई स्कूल के पढ़ाई ले तो हमर दुनिया बदल ही जाथे।
मानो कि पढ़ई-लिखई के अब बेरा घलो ह बदल जाथे।।
अब तो ज्ञान नहीं नंबर लाए के तरीका ला बताए जाथे।
नकल करत बड़े बड़े घर के,मन ह कमरा में पाए जाथे।।

का बतांव संगी अब शिक्षा के कोनो मोल नि रईहगे।
गुरुजी मन के बोली जईसे अब अनमोल नि रईहगे।।

भागत हे दुनिया अब ज्ञान छोड़ नंबर के पाछू पाछू।
पच्चासी नंबर आगे कहूं, तहन भूलागे गुरुजी पाछू।।

फेर घलो कहिथे खेमेश्वर नंबर के नि हावे कोनो मोल।
ज्ञान के आगू नंबर के न औकात, नि हावे कोनो  तौल।।

आज खेमेश्वर काहत हे, गुरु के अब्बड़ सम्मान करव।
नंबर नहीं संगवारी ईंखर ले ज्ञान के तो आहवान करव।।
स्कूल  बाद कालेज में घलो, गुरू के रोज प्रणाम करव।
शिक्षा के हरे ए बड़े मंदिर,एला अब झन बदनाम करव।।
शिक्षक के कोनो एकेच दिन,न होये अइसन काम करव।
हर शिक्षक ल लईका पर, गरब होये अइसन नाम करव।।

             ©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
                         मुंगेली छत्तीसगढ़
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Monday, September 3, 2018

करगा मन ला बड़े छांटो

गर करना हे देश मा एक छत्र राज,
                         आपस में तो सबला बांटो।
युवा,प्रतिभा ला मारव गोली आज,
                         करगा मन ला बड़े  छांटो।।
आरक्षण बड़ सुघर स्कीम हे..........
फर्जी केस के चलवादव फेर राज,
                         प्रतिभा के तो रददा काटो।
जेन ल समझेन राष्ट्र वादी जिहाज,
                         निकलिस अंधरा के आटो।।
एखर ले सुघर कोई तरकीब हे..........
राजा कोनो भारत में नि करें राज,
                         देश सोये हे आपस में बांटो।
देश के गरीबी हटईया करले लाज,
                          अब खाई अच्छाई में पाटो।।

     ©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
              "छत्तीसगढ़िया राजा"
                मुंगेली-छत्तीसगढ़
                ८१२००३२८३४

Sunday, September 2, 2018

जन्माष्टमी विशेष

अब तो आजा ओ कान्हा,दरस बर नैना तरसत हे।
काला अऊ कईसे कान्हा, बतावंव  मन तड़पत हे।
तोर हांसी ठिठोली कान्हा,देखेबर त जी मचलत हे।
मोरो अंगना कभू रे कान्हा,लगे के लल्ला चहलत हे।
देख तोर बहिनी ल कान्हा,रोज चीर अब सरकत हे।
ऐ दुस्सासन मन के कान्हा,रोज बूता बल बड़हत हे।।

गर अब भी तें नि आबे प्रभु, द्रोपदी नि जनमे कोनो मैया।
तोर खाए बर बने गुरतुर कभु, नि रहि दही कोनो जमैया।
तोला गोपीयन ले फुरसत नि हे,भेज दे न ओ दाऊ भैया।
तिंहीं बता तोर बिन अब तो, कईसे मनाईन आठे कन्हैया।।
इँहा रोज जनमत हे दुर्योधन, मैं हंव तोर बर जन्म देवैया।
पाण्डुक, शिशुपाल के सत्ता हे, के हें कोनो  ईंखर  नथैया।
अब तो द्रोपदी के लाज बचाव,बन  हमर कदम के छंईया।
जेन चाहे फेर आये माधव,ऊंहला बधाई हो आठे कन्हैया।।

                ✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍
                      भागवत कथा वाचक
                       मुंगेली - छत्तीसगढ़
                        ७८२८६५७०५७

Saturday, September 1, 2018

कमरछठ तिहार

खम्हार के पतरी म, पसहर के भात।
मिंझर के चुरहि, भाजी के छै जात।।
भंइस के दही संग, पाबोन परसाद।
दाई पोता मार के, दिही आसिरबाद।।
महतारी मन लइका खातिर, करे हे उपास।
जुग जुग जिए मोर लइका, अइसे हे बिस्वास।।
महतारी मन के सदा, सजे रहय सिंगार।
जम्मो झन बर सुग्घर हो, कमरछठ के तिहार।।

         ©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
                    मुंगेली - छत्तीसगढ़
                      ७८२८६५७०५७

Friday, August 31, 2018

व्हाटसएप बहुत सतायो

मैं सबसे छोटा सा बालक 👶🏻
          ग्रुप में जगह न पायो 
सब बैठे चैटिंग करते हैं               
          मोसो गाय चरवायो।

राधा के संग सभी गोपियां
          व्हाटसएप पर बतियायो
राधा को अब मेरी बतियां             
         तनिक नहीं सुहायो  
मैया मोरी व्हाटसएप
               बहुत सतायो।।
                ©®
✍ पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ✍
       मुंगेली - छत्तीसगढ़

दसनाम गोस्वामी शव संस्कार

गोस्वामी की शव की संस्कार पुत्र या शिष्य,कुल रीति से संस्कार करें।
शुद्ध जल से स्नान,भभुति, पुष्प आदि से पुजा करें!
चमकाध्याय व नमकाध्याय का पाठ करें, रूद्राष्टाध्यायी, रूद्र शूक्त का उच्चारण उसके आगे शंख की स्थापना करें (शंख मंत्र:-"दरेन्द्र विद्रावय कृष्ण पूरितोभीमष्व नोहरेर्हृदयाति कम्पयन।") शंख जल से शरीर का अभिषेक करें। शिर पर पुष्प (ॐ) भार्जन करें 💐।
नया वस्त्र  (भगवा वस्त्र) धारण करायें,भभूति सारे अंग पर , त्रिपुंड्र चंदन द्वारा तिलक करें, पुष्पमाला, रूद्राक्ष की माला धारण करायें,धूप देकर शरीर को उठाएं, ईशानादिपंचब्रम्हा मय रथ पर स्थापित करें। ॐकार से युक्त पांच सद्योजातादि ब्रह्मा मंत्रों का उच्चारण करते समाधि स्थल पर ले जाएं ("राम नाम सत्य है" यह कहना अनिवार्य नहीं है) ।
प्रणव तथा व्याहुति मंत्र द्वारा समाधि स्थान का पर्यवेक्षण करें 🌺।
समी पत्र,आसन,पंच ब्रम्हा मंत्रों का पाठ,पंचगव्य ,शव प्रोक्षण रूद्र शूक्त एवं प्रणव का उच्चारण कर स्वस्तीवाचन का पाठ बोलते हुए,शव को देवयजन (गड्डे) पर योगासन में बिठाएं,मुख उत्तर-पूर्व की ओर ,पुजा करें "विष्णो हन्यमिदं रक्षस्व":- दाहिने हाथ पर दण्ड!
"प्रजायतये न त्वदेतान्यन्यो:":-जल सहित कमण्डल बाएं हाथ पर!
फिर ब्रह्मा यज्ञानं प्रथमं, दोनों भौं का स्पर्स करें। रूद्र शूक्त का जप करें,धूप दीप दिखाकर, नैवेद्य पूर्वक फिर, वैदिक समाधि गायत्री मंत्र का दोनों कान पर उच्चारण करें (सामान्य गायत्री मंत्र,व हिंदी दोहावली या कवितावली की गायत्री मंत्र से जन्म मरण से मुक्ति नहीं होती है, वैदिक समाधि मंत्र से, शरीर छोड़ चुकी आत्मा पुनः शरीर में प्रवेश कर,पूर्ण रूप से बहिर्गमन कर जाती है और शिवलोक को प्राप्त करती है, जिससे शरीर में आत्मा तत्व की कोई अंश नहीं होने से,मृत व्यक्ति की,भूत प्रेत योनि में प्रवेश होने की संभावना समाप्त हो जाती है,व समाधि केवल योगासन में लगाएं, लिटाने से, मंत्र प्रभावशाली नहीं मानी गई है).
वैदिक समाधि गायत्री मंत्र:- ॐ भूम्यं पंच तत्व दर्शितं गत्यन्तम् अंततः यं यं कैलाश गमनम् करिष्ये (ॐ शांति शांति)
"मां नो महान्तभुत"-तारक मंत्र ॐ रां
नारियल के द्वारा शीर्षभेदन करे!(क्षेत्रीय रीति से भी शीर्षभेदन किया जा सकता है)
फिर परिवार एवं सहयोगी के द्वारा मिट्टी देवें!
और फिर गड्डा पाट देवें।पंचब्रम्हा मंत्र का पाठ करें।
यो देवा नाम प्रथम पुरस्तात् से लेकर तस्य प्रकृतिलीनष्य य: प: स महेश्वर:!!
महादेव का चिंतन करें (ॐब्रह्मणे नमः)
शिवलिंग का आकार उकेंरें या शिवलिंग रूपी पत्थर को विराजित करें मुख उत्तर दिशा में रखें, पदवेश (खड़ऊ) को रखें,शंख से ८ (आठ) बार अर्ध जल देवें। उसके तत्पश्चात पीठ तैयार कर ।पंच धूनी देवें।

:- यह विधि युग युगांतर से हमारी वंशावली में चली आ रही है, सभी क्रिया मंत्रोचारण से किया जाना चाहिए, जैसे-स्नान,आसन,पूजा,चंदन,त्रिपुण्ड्र,भगवा वस्त्र धारण,भस्म भभूति धारण, रूद्राक्ष धारण,दण्ड धारण,कमण्डर धारण आदि,सभी मंत्र इसलिए उपलब्ध नहीं कराई गई है,क्योंकि विषय बहुत बड़ी हो जाती, इसलिए झमा चाहते हैं, अनिवार्य वैदिक समाधि गायत्री मंत्र दी गई है। भविष्य में सभी उपलब्ध करा दी जाएगी 👏🌺👏

👏🚩 सादर ओम् नमो नारायण 🚩👏
          लेख:-"दसनाम पुष्पांजलि"
      लेखक ✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ✍

               मुंगेली - छत्तीसगढ़
                 ७८२८६५७०५७
khemeshwarpurigoswami@gmail.com

Saturday, August 25, 2018

🚩जय दशनाम🚩

महादेव अमारो बाप छे
माँ शक्ति अमारी मात छे
भगवुं भस्म अने रुद्राक्ष अमारो ठाठ छे
ॐ नमो नारायण अमारू अभिवादन छे
ॐ नम: शिवाय अमारो जप मंत्र छे
गोसाई गोसावी अने गोस्वामी शान छे
पुरी ,भारती ,सरस्वती, गिरि,पर्वत,सागर,वन,अरण्य,तीर्थ अने आश्रम अमारी साख छे
माँ कामाक्षी,भद्रकाली,विमलल,अन्नपुर्णा,गौरी अमारी देवी छे
जगन्नाथ,सिध्धेश्वर,नारायण अने आदी वाराह अमारा देव छे
अतित दशनाम अमारो समाज छे
शिवालय अमारो ताज छे
महादेव उपर अमने नाझ छे
अेटलेज अमे शिववंश दसनाम छे।
              🚩जय दशनाम🚩

     ✍ पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ✍

        दसनाम गोस्वामी युवा रत्न
      (सम्मान से सम्मानित प्रवक्ता)
             मुंगेली - छत्तीसगढ़

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...