जग छोड जो कृष्ण को चाहता है,छलिया भी उसी को चाहता है।
दिखलाता उसे छवि की किरणें,जिसका दिल दर्द दहा करता है।।
श्री कृष्ण हमारा सनेही सखा कुछ मीठी सी बात कहा करता है।।
जिन नयनो से नीर बहा करता उन नयनो में श्याम रहा करता है।
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कृष्ण तेरा अक्स है विशाल
तेरा रूप करे निहाल……….
तेरी अदा का ख्याल
कर दे दिल को मालोमाल……
बिछाए नैनों के तू जाल
न छोड़ा कहीं का मेरा हाल……
मयूरी सी तेरी मोहन चाल
हो गई मै तो देख बेहाल……….
तेरे करतब हैं खूब कमाल
मचा दें जीवन में ये धमाल…….
अब तो तोड़ो बन्धन के जाल
लगा लो चरणों में नंद लाल…….