Sunday, October 13, 2019

आज का सुविचार

🐾🌻🐾🌻🐾🌻🐾

*जिन्दगी में सबसे बड़ा*  
*धनवान वो इंसान होता हैं,*

*जो दूसरों को अपनी*   
*मुस्कुराहट देकर उनका*
*दिल जीत लेता हैं…*

💞 *शुभ प्रभात* 💞

आज का संदेश

🌹धुंआ दर्द बयाॅ करता है और राख कहानियां छोड़ जाती है........

कुछ की बातों में भी दम नहीं होता और कुछ की खामोशियां भी निशानियां छोड़ जाती हैं........🌹

            🌹☕ *सुप्रभात* ☕🌹

आज का संदेश

*नमस्कार*

*मुस्कान मानव हृदय की मधुरता को दर्शाता है*
*और शांति बुद्धि की परिपक्वता को*

*और दोनों का ही होना*
*मनुष्य की संपूर्णता को बताता है...*

*सुप्रभात*
।।। *जय सियाराम* ।।।

*आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो...*

आज का संदेश

*🙏🌹जय श्री श्याम जी🌹🙏*

.           *मदद करना सीखिये*
.             *फायदे के बगैर.*

.          *मिलना जुलना सीखिये*
.             *मतलब के बगैर.*

.           *जिन्दगी जीना सीखिये*
.              *दिखावे के बगैर.*

*अंधेरा वहां नहीं है, जहां तन गरीब है !*
*अंधेरा वहां है, जहां मन गरीब है..!!*
✨✨✨
*🙏🌹जय जय श्री राधे🌹🙏।                                                   🌞सु--प्रभातम🌞*

आज का सुविचार

*🌹🍃🍂सुप्रभात🍂🍃🌹*

*जीवन बहुत छोटा है, उसे खूबसूरती से जीयो.*
*प्रेम दुर्लभ है, उसे पकड़ कर रखो.*
*क्रोध बहुत खराब है, उसे दबा कर रखो.*
*भय बहुत भयानक है, उसका सामना करो.*
*स्मृतियां बहुत सुखद हैं, उन्हें संजो कर रखो.*
*अगर आपके पास मन की*
          *शांति है तो.....*
    *समझ लेना आपसे अधिक* 
          *भाग्यशाली कोई नहीं है.!!*

🙏शुभ प्रभात।🙏

आज का संदेश

प्रभु  को समझने की  चेष्टा मत करिए ,समझा बुद्धि से किया जाता है, प्रभु बुद्धि का विषय नहीं हैं।।

प्रभु प्रेम का विषय है, प्रेम हृदय से किया जाते हैं।
प्रेम से ही उन्हें एहसास किया जा सकते हैं।।🙏🏻🏵🙇🏻
*🏵🙏🏻जय जय श्री राधे🙏🏻🏵*

तुलसी कौन थीं..?

*तुलसी कौन थी⁉⁉⁉*

तुलसी (पौधा) पूर्व जन्म में एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी; बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी, जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया, जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था।

वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी।

एक बार देवताओं और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा- स्वामी आप युद्ध पर जा रहे हैं आप जब तक युद्ध में रहेंगे मैं पूजा में बैठ कर आपकी जीत के लिये अनुष्ठान करुंगी, और जब तक आप वापस नहीं आ जाते, मैं अपना संकल्प नहीं छोडूंगी; जलंधर तो युद्ध में चले गये, और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ गयी, उनके व्रत के प्रभाव से देवता भी जलंधर को ना जीत सके, सारे देवता जब हारने लगे तो विष्णु जी के पास गये; सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि– वृंदा मेरी परम भक्त है मैं उसके साथ छल नहीं कर सकता *..*..

फिर देवता बोले- भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप ही हमारी मदद कर सकते है।

भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा और वृंदा के महल में पँहुच गये जैसे ही वृंदा ने अपने पति को देखा, वे तुरन्त पूजा में से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए, जैसे ही उनका संकल्प टूटा, युद्ध में देवताओं ने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काट कर अलग कर दिया, उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा ने देखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर ये जो मेरे सामने खड़े है ये कौन है? उन्होंने पूँछा- आप कौन हो जिसका स्पर्श मैने किया, तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछ ना बोल सके, वृंदा सारी बात समझ गई, उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर के हो जाओ, और भगवान तुरन्त पत्थर के हो गये।

सभी देवता हाहाकार करने लगे लक्ष्मी जी रोने लगे और प्रार्थना करने लगी तब वृंदा जी ने भगवान को वापस वैसा ही कर दिया और अपने पति का सिर लेकर वे
सती हो गयी।

उनकी राख से एक पौधा निकला तब भगवान विष्णु जी ने कहा– आज से इनका नाम तुलसी है, और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और मैं बिना तुलसी जी के भोग स्वीकार नहीं करुगा।

तब से तुलसी जी कि पूजा सभी करने लगे और तुलसी जी का विवाह शालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास में किया जाता है; *देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है।*
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                         प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

न्यू २

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