*संसार में बहुत से लोग पुरुषार्थ करते हैं, कुछ लोगों को यहीं इसी जीवन में अनेक पुरस्कार तथा धन सम्मान आदि मिल जाता है, परंतु बहुत लोगों को इस जीवन में कोई पुरस्कार सम्मान आदि नहीं मिलता, लोग उनके गुणों का मूल्य उनके जीवित रहते हुए नहीं समझ पाते .*. *ऐसे लोग भी निराश न होवें* !!
*ईश्वर न्यायकारी है, वह तो सदा न्याय करता है और आगे भी करेगा* !!
*यदि किसी को इस जीवन में उसकी योग्यता के अनुसार उचित धन सम्मान आदि नहीं मिला, तो …*..
*मृत्यु के पश्चात ईश्वर अगले जन्म में उसको न्याय पूर्वक उसके सब शुभ कर्मों का उत्तम फल अवश्य देगा और संसार के लोग भी उसकी मृत्यु के बाद उसके बहुत गीत गाएंगे …*..
*संसार में ऐसी ही परंपरा देखी जाती है, कि जीते जी लोग किसी के गुणों का मूल्य ठीक से नहीं समझ पाते, उसकी मृत्यु के बाद जब उसकी कमी समाज को खटकती है, तब उसका सही मूल्य समझ में आता है, तब समाज के लोग उसे बहुत सम्मान आदि देते हैं, और उसके बहुत गीत गाते हैं …*..
*परंतु तब यह इतना उपयोगी नहीं होता, अधिक अच्छा तो यही है कि '''जीते जी व्यक्ति का उत्साह बढ़ाने के लिए समाज के लोग उसे सम्मानित करें''' जिससे वह उत्साहित होकर देश धर्म की और अधिक सेवा कर सके …*!!
*जय श्रीकृष्ण* भारत माता की जय
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आपका अपना
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
मुंगेली छत्तीसगढ़
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७