*⚜जातिवाद का विष*⚜
*⛳👇🏻जब कोई आपकी जाति पूछे और आपको बताने में हीनभावना हो तो,ऐसे किसी आदमी को तर्कयुक्त यह जवाब देना की मै तो मनुष्य जाति का हूं.. ✋🏻😊आप किस जाति के हो ? इतना सुनते ही उसे मिर्ची लग जायेगी,,, और जातिवाद पर करारा जवाब भी होगा ।*😊✔
*आईये जाति का मतलब समझे*⁉✋🏻👇🏻👇🏻
*जाति व्यक्ति की पहचान नहीं उसका उपनाम है,,, जो हमारे ऋषि मुनियों द्वारा लगाया गया,,, जो आज सरनेम बन गया जिसको हम जातिवाद कहते है*👌🏻✔
*उदाहरण के तौर पर ऋषि गौतम, ऋषि भारद्वाज, ऋषि कश्यप, ऋषि अत्रि तथा जिन्होंने ने वेदों का पाठ किया वो द्विवेदी, त्रिवेदी, चतुर्वेदी हो गए,,,, इसमें जातिवाद कहा से आया यह तो कार्य शैली है।*😳👌🏻✔
*धर्म प्रचार व रक्षा करने का कार्य करने वाले दसनामी या गोस्वामी, चमड़े का कार्य करने वाले चमार, मैला ढोने वाले धानुक, मंडल,तैल संबंधित तैलिक, दूध का व्यापार करने वाले यदुवंशी, कपड़े धोने वाले धोबी, समाज की रक्षा करने वाले क्षत्रीय और व्यापार करने वाले वैश्य लेकिन यह सब तो कार्य शैली थी जाति नहीं।*😳✔👌🏻
*जाति कहते है पहचान को,,, ✋🏻जिसे पहचानने में किसी से पूछना न पड़े । इसे समझने के लिए ऐसे समझे यह दो प्रकार की होती है.. एक ईश्वरकृत दूसरी मनुष्यकृत ।*
*1.ईश्वरकृत जाति:- जैसे मनुष्यों की जाति जिसे हम दो हाथ दो पैर जो पुरूष और स्त्री के होते है उनको मनुष्य जाति कहते है,, क्या इनको पहचानने मे कोई समस्या है ?? नहीं ✋🏻✋🏻 क्योंकि यह ईश्वरकृत है,, और ईश्वर के काम अधूरे नही होते,, ऐसे ही पशु पक्षी, कीट-पतंगो की जातियां तो इनको भी हम पहचानते है हमे किसी से पूछना नही पडता की कौन मनुष्य है,,, कौन जानवर और कौन पक्षी है ।यह तो है ईश्वरकृत जातिया ।*
*2.मनुष्यकृत जाति:- यह जातियां समाज द्वारा हमे पहचान के रूप में समाजिक व्यवस्था अनुसार बनाई गई है, चाहे बुरी हो या अच्छी,,, तो झगडा ईश्वरकृत जातियों का नही है,, ✋🏻झगडा मनुष्यकृत जातियों का है क्योंकि इन मे खोट है, कमी है क्योंकि मनुष्य ईश्वर नही होते तो इनके काम भी कमियों वाले होते है,, यह अलग बात है की समाजिक बुराईयों के कारण जातियों को उंचा नीचा बनाया या समझा गया।*😊⛳
*👇🏻लेकिन हम सभी एक मनुष्य जाति के हैं ईश्वरकृत जाति के है यह बात है, मुख्य है और समझने लायक है तो आज से अपना मानवीय धर्म को समझे और जो मूर्ख जातिवाद को बढ़ावा देते हैं जाति पर कटाक्ष करते हैं, जाति पर उत्पीड़न शोषण करते है, उसे जाति का मतलब समझाये ।*🙏🏻⛳
*जागरुकता बहुत आवश्यक है जिससे समाज में फैले भ्रम को मिटाया जा सके और सनातनी पुनः एक होकर अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा कर सकें ।*🤝🏻😊
*सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की शुभ मंगल कामना 🙏🏻⛳वंदेमातरम_🙏🏻😊⛳*
आपका अपना
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057