हवय मउसम पियार के थोरकिन पियार कर ले,
करथस ईशिक तैं कहुं त बाँह म मोला भर ले ,
चल मोर सन आज सपनाके दुनिया गिंजर ले ,
रोज मही मया कर थंव, आज तहूं मया कर ले।।
✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
मुंगेली छत्तीसगढ़
७८२८६५७०५७
महाभारत: महाकाव्य, कालक्रम और उन्नत विज्ञान के अंतर्संबंधों का एक समालोचनात्मक विश्लेषण 1. प्रस्तावना: इतिहास, मिथक और वैज्ञानिक अन्वेषण 1.1...
No comments:
Post a Comment