*हम पेवर भ्रष्टाचारी हन !*
रचना:- पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
" छत्तीसगढ़िया राजा"
मुंगेली छत्तीसगढ़ ७८२८६५७०५७
भगवान हमला तभे याद आथे…. जब कोनो बदना मांगना होथे
रोज पूजा तो हमन….. धोनी अऊ फिलीम स्टार के करथन
चढ़ावा मंदिर में कम….. अधिकारी नेता मन ल जादा चढ़ाथन
भैया दहेज देहे तो पाप हे….. लेकिन दहेज लेहे सबले बड़ा पुन हे
आतंकवादी मन के मानवाधिकार के चिंता करथन हमन…………
फेर सैनिक के घलो मानवाधिकार होथे…… ये अक्सर भूल जाथन हमन
भैया शादी तो हमन दूसर धर्म वाले ले कर सकथन………
लेकिन वन्देमातरम बोले के बेरा…. धर्म के आड़ में लुका जाथन
अपन ल देशभक्त कहाये में शर्माथन हम….
लेकिन खुद ल संप्रदायिक कहिके घमंड में फूल जाथन हम
WhatsApp अऊ Facebook म बड़े-बड़े फेंकत रहिथन
जब कुछ करे के आथे बारी……. तो भीड़ में गुम हम हो जाथन
आदमी पूजा बड़ शान ले करथन हम…… राष्ट्र पूजा ल साम्प्रदायिक बताथन हम
जन्तर-मन्तर म *दिव्या* ल नियाव देवाय खातिर आन्दोलन करथन हम
लेकिन बिहनी-बेटी मनला कराटा के शिक्षा देहे के बारे में कभू सोच नई पाथन हम
योग घलो ल साम्प्रदायिक कहिथन हम…… फेर भोग ल ही साम्प्रदायिक पाथन हम
स्टेटस अऊ पैसा ल हमेशा…… ईमान उपर भारी पावत हन
तभे तो……..कइसन वइसन नहीं हम पेवर भ्रष्टाचारी हन !
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