देव विश्वकर्मा पांव लागी तोर, दुनिया के बनईया हरस।
जम्मो झन पर दया तोर,तिहिं तो जग के आधार हरस।।
जाये बनाए बर,चाहे,सजाए बर,सबो तोर ले ही मिलथे।
तोर दया ले जम्मो पनपथे,,फूल कस दिल में तो खिलथे।।
तैं तो सनातन के देवता,तिथि छोड़,तारिख म तैं हर आथस।
जम्मों के मन मा तोर भक्ति,हर दिन ला तो बड़ महकाथस।।
गणाधिपति लम्बोदर के, संग में तो तैं हर विराजे।
माथ मा चन्दन हाथ हथौड़ा छिनी हां तोला साजे।।
तोरेच आरती गाथें बबा, दुनिया के जम्मो नर नारी।
हरदम बने रथे सुघर अब , बबा नित कृपा तिहारी।।
पूजा के संग करव विनय,नि खण्डित हो कोई काम।
एही बेरा ले जय जोहार हे,बिहना ले सबला प्रणाम।।
©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
मुंगेली - छत्तीसगढ़
७८२८६५७०५७
८१२००३२८३४
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