सेवा का अवसर आने पर, सेवकों का पता चलता है,
रिश्तेदारों के प्यार का पता दुःख के समय ही लगता है।
मित्रों की मित्रता का पता संकट के समय ही चलता है,
जब साथ न हों सच्चे शुभचिंतक,अकेलेपन ही लगता है।।
पत्नी के प्रेम का उस समय पता चलता है,जब आदमी निर्धन हो जाता है।
जो ऐसे मौकों पर साथ देते हैं तो, उन्हीं का तो प्यार सच्चा हो जाता है !!
©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
मुंगेली - छत्तीसगढ़
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