हे कान्हा... मेरे प्यारे सावरे... मेरे चितचोर,
नजरों का क्या कसूर जो दिल्लगी तुमसे हो गई...
तुम हो ही इतने प्यारे की मोहब्बत तुमसे हो गई..
अब दिल की मेरी हसरत जुबां पर आने लगी ,
तुमको देखा और जिंदगी मेरी मुस्कुराने लगी..!
कोई सुध ही नहीं, ऐसी हुईं तुमसे मेरी दीवानगी
हर सूरत में बस एक तेरी सूरत नज़र आने लगी..!!
Thursday, March 14, 2019
सूरत नजर आने लगी
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naxal hidma
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