सांवरी सूरत प्यारी बनमाल गलधारी जब से निहारी..!
सारी तन की बिसारी सुध पड़त न घड़ी पल चैना।।१।।
जमुना के नीरे तीरे विमल समीरे सखी धीरे धीरे..!
गावे नंदलाल ग्वाल बाल संग मधुर मधुर खर बैना।।२।।
शीश मुकुट कटि पीत विमल पट रास करत..!
नटवर वन कुंजन पग नूपुर धुन छैना।।३।।
सुंदर अलक झलक श्रुति कुंडल खेमेश्वर ..!
पलक नही बिसरत सकल मनोरथ दैना।।४।।
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
अं.यु.हिं.वा. गौ रक्षा दल-छत्तीसगढ़
७८२८६५७०५७-/-८१२००३२८३४
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