*🌞🌞 आज का सुविचार 🌞🌞*
*यदि सन्ति गुणा: पुंसां*
*विकसन्त्येव ते स्वयम्*
*नहिकस्तूरिकामोद:*
*शपथेन विभाव्यते*
*भावार्थ*:- कस्तूरी की गन्ध को सिद्ध नहीं
करना पड़ता वह तो स्वयं फैलकर अपनी
*सुगन्ध से वातावरण को सुवासित कर*
*देती है ..*..
*उसी प्रकार गुण वान तथा प्रतिभावान*
*मनुष्य के गुण अपने आप फैल* जाते है
उनका प्रचार नहीं करना पड़ता *..*..
*🌞🌞 सुप्रभातवेला 🌞🌞*
आपका अपना
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७
No comments:
Post a Comment