मुस्कुराते रहे वो बिना बात पर।
दिल को थामे रहे हम मुलाकात पर।।
तिरछी नज़रों से घायल वो करते रहे।
तरस खाए बिना मेरे हालात पर।।
है नज़र आ रहे हर तरफ वो ही वो।
छा गए ऐसे मेरे ख्यालात पर।।
हर धङकन उन्हीं को पुकारा करे।
वो असर कर गए दिल के जज़्बात पर।।
यूं दीवाना बनाकर के वो चल दिए ।
क्या कहूं दिल की ऐसी खुराफात पर।।
©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057
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