Tuesday, May 12, 2020

कभी तो मिलो दिल मिलाकर सनम!


कभी तो मिलो दिल मिलाकर सनम!
जुदा हम  न हों फिर  तुझे है  कसम।१।

मिले  और  मिलकर  सदा  हम  रहें!
अदा हक़  करें आ  भुलाकर  सितम।२।

ढले  रात  दिन  प्यार  में  इस  तरह!
वफ़ा   ही  वफ़ा   हो  खुदा का करम।३।

हँसीं गुल  खिले और  महब्बत   तले!
शिकायत न हो सब  मिटा दे भरम।४।

सजायें चले आ नई हसरतों की जहां!
कहे   दिल   हमेशा  निभाकर  धरम।५।

कभी तो मिलो दिल मिलाकर सनम!
जुदा हम  न हों फिर  तुझे है  कसम।१।

          ©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

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