*🙏🏻माँ सर्वप्रथम गुरु🙏🏻*
*👉🏻सबसे प्रथम गुरु माँ🤱🏻 होती है। मै हर उस माँ 🤱🏻को बहादुर मानता हूं, जिसके बच्चे सेना में हैं या एक अच्छे नागरिक जिम्मेदार हैं।*✔️🚩
*🚩जिस भांति एक कुम्हार मिट्टी के लौंदे को प्यार ,मार या थपथपा कर आकार देता है, और एक सुदंर रचना करता है। ठीक उसी भांति माँ🤱🏻 भी करती है। बच्चा भी तो बस एक मिट्टी का लौंदा होता है।एक माँ उसके आचरण को आकार देती है।*🚩✔️😊
*👉🏻कोई बच्चा यदि गलत हरकत करता है, तो मैं उसके माता पिता के परवरिश को दोष देता हूं । (यह मेरे अपने विचार है) बालक जब छोटा हो, तो उसकी प्रत्येक जिद्द की पूर्ति की जाती है। 😊✔️यह सोच कर कि बड़ा होगा तो समझ जाएगा। किंतु बड़ा होकर भी वह इसे अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने लगता है।*✔️🚩
*मुझे याद है.....बचपन में मेरी हर जिद्द पुरी नहीं की जाती थी, तब मुझे बहुत क्रोध आता था, पर जब मै बड़ा हुआ तो, समझ आया कि माँ🤱🏻 मुझे कुम्हार की भांति अच्छा आकार देना चाहती थी*😊🤚🏻
*मै आभारी हूं, अपनी माँ 🤱🏻का ... जिनके छांव तले,उनके सिखाए मार्ग पर चल कर मैं एक अच्छा नागरिक बनने में कामयाब हुआ हूं।*✔️😊
सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की *"मंगलमय कामना"*----🙏🏻🙏🏻🌹
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आपका अपना
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057
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