Sunday, May 10, 2020

हमसे जो रूठे तो टूट जाएंगे हम!


हमसे  जो  रूठे  तो टूट  जाएंगे हम!
कसम  से  आह  में घुट  जाएंगे हम।

जिंदगी के पल का यहां भरोसा नहीं!
थामले आ हाथों को छूट जाएंगे हम।

सफर में  हमें  जो  दूर  भुलाके चले!
तन्हा  तो  राहों  में  लूट  जाएंगे हम।

धड़कनों   की  सदा  कहे  प्यार  कर!
मिट्टी  का  घड़ा  हूं  फुट  जायेंगे हम।

आइये तो पास भी  खास होकर मेरे!
इश्क़  में  वफ़ा  से  जुट  जाएंगे हम।

हमसे  जो  रूठे  तो टूट  जाएंगे हम!
कसम  से  आह  में घुट  जाएंगे हम।

          ©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

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