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शेर- लम्हों ने सताये हैं जिंदगी ने रुलाया!
लगी जो आग है किसी ने ना बुझाया।
आंखों से अश्क़ बह गये, तेरे इंतजार में!
ऐसा हुआ है हाल मेरा, तेरे प्यार में।
हर पल तेरी जुदाई, तड़पाये है हमें!
सदियां गुजर गई यूँ, तेरे इश्क़ के खुमार में।
महब्बत में लम्हा लम्हा, हम ढलते गये सनम!
हैं चाहत की डोर बांधे, तेरे दीदार में।
आजा के गले लगालूं, गम ए दिल भुलालूं!
जीना हमें आ जाये फिर, तेरे बहार में।
मेरे दिल में हमनवा, तुंहीं रहती है सदा!
हूँ बू ए गुल महकाये, तेरे आसार में।
आंखों से अश्क़ बह गये, तेरे इंतजार में!
ऐसा हुआ है हाल मेरा, तेरे प्यार में।
©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057
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