*⚜️जय गौमाता🐄जय गोपाला*⚜️
*सर्वकामदुधे देवि सर्वतीर्थीभिषेचिनि ॥*
*पावने सुरभि श्रेष्ठे देवि तुभ्यं नमोस्तुते ॥*🚩
*🚩हमारे देश में गाय 🐄को माता माना जाता है☝🏻यह प्रचलन पीढ़ीयों से चला आ रही है। पुराणों में भी गाय🐄 को माता के रूप में दर्शाया गया है ।😊 यह पशु नहीं है। यह हम सबका अपने दूध रूपी अमृत से पालन करती है। 😊☝🏻इसलिये यह हमारी माँ के समान है। यहाँ गाय की पूजा की जाती है। पुराणों में एक ऐसी गाय🐄 का उल्लेख मिलता है, जिसे कामधेनु गाय कहा गया है। 🙏🏻🚩✔️ऐसी मान्यता है, कि कामधेनु गाय में दैवीय शक्तियाँ होती है, जिससे वह लोगों की मनोकामना को पूर्ण करती थी।*✔️☝🏻
*🚩कामधेनु गाय🐄 प्रत्येक प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करती थी। इसके दर्शन मात्र कर लेने से ही मनुष्य की सभी इच्छायें पूर्ण हो जाती थी।😳🙏🏻✔️ इसके दूध में अमृत के समान गुण पाये जाते थे,, ✔️☝🏻☝🏻अर्थात अमरत्व के गुण । इन्हीं कारणों से कामधेनु गाय को माता माना गया है। 😳✔️✋🏻इनकी पूजा की जाती है। साथ हीं सभी गायों🐄 को भी माँ की उपाधि दी गयी है। कामधेनु गाय🐄 जिसके भी पास होती थी , उसकी सभी जरुरतें वे पूरा करतीं थी,, एक माँ की तरह ,✋🏻😳 यह अपने सभी भक्तों का पालन पोषण करती थी।*✔️🚩
*• गाय के दोनो सींगों में ब्रह्मा और विष्णु ।*🚩
*• विश्व के समस्त जलस्त्रोतों का स्थान सींग के जुड़ाव पर स्थित है।*🚩
*• सिर पर भोले शंकर का स्थान है।*
*• सिर के किनारे पर माता पार्वती जी है।*🚩
*• नासिका पर कार्तिकेय, दोनों नासिकाओं के छिद्र पर कम्बाला और अश्वतारा हैं।*🚩
*• दोनों कानों पर अश्विनी कुमार*🚩
*• सूर्य और चंद्रमा का स्थान दोनों आँखों में है।*🚩
*• वायु देव का स्थान दाँतों की पंक्तियों में तथा और वरुण देव जीभ पर निवास करते हैं।*🚩
*• गाय की आवाज में साक्षात् सरस्वती का वास है ।*🚩
*• संध्या देवी होंठों पर और भगवान इंद्र गर्दन पर विराजमान हैं।*🚩
*• रक्षा गणों का स्थान गर्दन के नीचे की पसलियों पर है।*🚩
*• ह्रदय में साध्य देवों का स्थान है।*
*• जांघ पर धर्म देव का ।*🚩
*• गंधर्व खुर के बीच के स्थान में,पन्नगा खुर के कोने पर, अप्सराएं पक्षों पर।*🚩
*• ग्यारह रुद्र और यम पीठ पर, अष्टवसु पीठ की धारियों में।*🚩
*• पितृ देवता नाल के संयुक्त क्षेत्र में तथा १२ आदित्य पेट पर*🚩
*• पूंछ पर सोमा देवी, बालों पर सूरज की किरणें, मूत्र में गंगा, गोबर में लक्ष्मी और यमुना, दूध में सरस्वती, दही में नर्मदा, और घी में अग्नि का वास है।*🚩
*• गाय के बालों में ३३ कोटि देवताओं का निवास है।*🚩
*• पेट में पृथ्वी, थन में सारे महासागरों*🚩
*• तीनों गुण भौंह के जड़ों में, बाल के छिद्रों में ऋषियों का निवास, साँसों में सभी पवित्र झीलों का वास है।*🚩
*• होठों पर चंडिका और प्रजापति ब्रह्मा त्वचा पर हैं।*🚩
*• वेदों के छह भागों का स्थान मुख पर, चारों पैरों में चार वेद हैं। कुबेर और गरुड़ दाहिने ओर,यक्ष बाईं ओर गंधर्व अंदर की ओर स्थित हैं।*🚩
*• पैर के सामने में खेचरास, आंतों में नारायण, हड्डियों में पर्वत, अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों पैरों में अवस्थित हैं।*🚩
*• गाय के हूँकार में चारों वेदों कि ध्वनि है।*🚩
*☝🏻☝🏻😊अर्थात गौमाता 🐄ही सर्वत्र सर्वोपरि है,, इसीलिये जो गौमाता को जो व्यक्ति पशु मानता है.. वह स्वयं एक पशु है।।*⛳
सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की *"मंगलमय कामना"*----🙏🏻🙏🏻🌹
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आपका अपना
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057
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