Saturday, May 9, 2020

मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी भी चतुराई की जाए


*मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी भी चतुराई की जाए*. :-.. 

एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए। द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर श्री हरि खुद शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी। चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।
उसी समय कैलाश पर यम देव पधारे और अंदर जाने से पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य की दृष्टि से देखा। गरुड़ समझ गए उस चिड़िया का अंत निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उसे अपने साथ यमलोक ले जाएँगे।
गरूड़ को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। उसे अपने पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोश दूर एक जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया, और खुद वापिस कैलाश पर आ गया। आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी नजर से क्यों देखा था।
यम देव बोले "गरुड़ जब मैंने उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। मैं सोच रहा था कि वो इतनी जल्दी इतनी दूर कैसे जाएगी, पर अब जब वो यहाँ नहीं है तो निश्चित ही वो मर चुकी होगी।"
गरुड़ समझ गये *मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी भी चतुराई की जाए*।"
इस लिए श्री कृष्ण कहते है- *करता तू वह है, जो तू चाहता है*
*परन्तु होता वह है, जो में चाहता हूँ*
*कर तू वह, जो में चाहता हूँ*
*फिर होगा वो, जो तू चाहेगा* ।

सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की *"मंगलमय कामना"*----🙏🏻🙏🏻🌹

♻🏵♻🏵♻🏵♻🏵♻🏵♻

                   आपका अपना
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

No comments:

Post a Comment

naxal hidma

जंगल, ज़मीन, और गुमशुदा 'हीरो' : क्या हिडमा सिर्फ एक नक्सली था,या व्यवस्था का आईना? बीते दिनों जब एक कथित नक्सली कमांडर हिडमा के नाम...