ये हिरदे म आके बसइया
तै होबे कहां
सपना म आके सतइया
तै होबे कहां
खोजत रहिथे दिन-रात
ये नजर तोला
मया के बगिया सजइया
तै होबे कहां
सजाके सिन्दुर मोर नाम के अपन माँग म
मोर लम्बी उमर के दुआ मंगइया
तै होबे कहां
कहुं चल देंव मुनधेरहा
कमाय बर खेत-खार कोति त
मोर बर चटनी-बासी के लवइया
तै होबे कहाँ~_li.》━━━━━━━━❈━━━━━━━《.li