Friday, October 2, 2020

तैं होबे कहां

ये हिरदे म आके बसइया
तै होबे कहां

सपना म आके सतइया
तै होबे कहां

खोजत रहिथे दिन-रात
ये नजर तोला

मया के बगिया सजइया
तै होबे कहां

सजाके सिन्दुर मोर नाम के अपन माँग म

मोर लम्बी उमर के दुआ मंगइया
तै होबे कहां

कहुं चल देंव मुनधेरहा
कमाय बर खेत-खार कोति त
मोर बर चटनी-बासी के लवइया
तै होबे कहाँ~_li.》━━━━━━━━❈━━━━━━━《.li

Thursday, October 1, 2020

लव यू जी

चेहरा तोर देख के लजावत रहिथे चंदा ।
तोर मया हो'गे रानी, मोर बर यमुना गंगा ।

बरजे ले तो मानय नही, बात मोर दिल ।
बईहा हो के तोर पाछु, दऊंड़े अखमुंदा ।

दिल हाथ मे धरके आए हावंव आज मै ।
मया देदे संगी, झन करबे मोला सर्मिंदा ।

आंखी मुंदाए नही रातभर जागत रहेंव ।
सुते नई सकंव आशा,मोर चाल होगे गंदा ।

जईसे भी तोर मर्जी, तै किरिया खवाले ।
मया करहुं तोला, मै जब तक हौं जिंदा ।

तोर दुआरी मे निकल के, देख तो सहीं ।
तोर मया के आसा मे, खड़े हावय बंदा ।

चल गोरी मया के' सुघर दुनिया बसाबो ।
तै मोर चंदैनी ओ रानी मै तोर हंव चंदा ।।
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