Friday, October 2, 2020

तैं होबे कहां

ये हिरदे म आके बसइया
तै होबे कहां

सपना म आके सतइया
तै होबे कहां

खोजत रहिथे दिन-रात
ये नजर तोला

मया के बगिया सजइया
तै होबे कहां

सजाके सिन्दुर मोर नाम के अपन माँग म

मोर लम्बी उमर के दुआ मंगइया
तै होबे कहां

कहुं चल देंव मुनधेरहा
कमाय बर खेत-खार कोति त
मोर बर चटनी-बासी के लवइया
तै होबे कहाँ~_li.》━━━━━━━━❈━━━━━━━《.li

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