*कभी दूरी,*
*इतनी ना बढ़ाएँ कि......*
*खुले हों द्वार,*
*फिर भी खटखटाना पड़े.....*💫💕☘
*रिश्तों के बाजार में*
*वही व्यक्ति हमेशा अकेला*
*रह जाता है.....*
*जो दिल और जुबान दोनो से*
*साफ होता है।।........*
*🙏सुप्रभात🙏*
*जब दर्द और कड़वी बोली*
*दोनों सहन होने लगे*
*तो समझ लेना की..*
*जीना आ गया ।।*
*प्रतिभा ईश्वर से मिलती है,*
*नतमस्तक रहें..!*
*ख्याति समाज से मिलती है,*
*आभारी रहें..!*
*लेकिन,,,*
*मनोवृत्ति और घमंड स्वयं से मिलते हैं,*
*सावधान रहें..!!*
*🌻🌺 सुप्रभात 🌺🌻*
*आप का दिन शुभ हो*
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
*नजर और नसीब का कुछ*
*ऐसा इत्तेफाक है कि....*
*नजर को अक्सर वही चीज*
*पसन्द आती है.......*
*जो नसीब में नहीं होती है*
*और............*
*नसीब में लिखी चीज*
*अक्सर नजर नहीं आती....!*
🌹🌹🙏 *शुभ प्रभात*🙏🌹🌹
जब याद तेरी आती है
आंखों से छलक जाता है..(२)
कितना भी छुपाऊं इनको
पर प्यार झलक जाता है...(२)...(२)
तेरी ओ मीठी बँतियां (२)
अब याद मुझे आती है...(२)
फिर से उनको सुनने को ...ये दिल तड़प जाता है...
जब याद तेरी आती है..........
हसीन सा तेरा चेहरा ...(२)
उन पर जुल्फों का पहरा....(.२)
वो कानों की जो बाली (२)
तेरी अधरोँ की ओ लाली....(२)
तेरे बालों का गजरा.. यादों में अटक जाता है.....
जब याद तेरी आती है............……
वो दिन भी क्या दिन थे..(२)
जब हम दोनों मिलते थे...(२)
लगता था यूं कि जैसे .(२)
बगिया में फूल खिलथे थे..(२)
देख के जोड़ी अपनी.(२)
जहां के लोग यूं जलते थे..(२)
मुझसे बिछड़कर अब ..क्या ओ चहक आता है.....
जब याद तेरी आती है......
तेरा मचल के चलना.(२)
संग में ओ आहें भरना..(२)
हिरनी सी चाल तेरी..(२)
उसपर तानें मेरे कसना..(२)
थी अपनी ही सरकार..(२)
फिर था ही किससे डरना..(२)
क्या ऐसे ही बिन बात, बोलो कोई बहक जाता है....
जब याद तेरी आती है.......
तेरी ओ अंतिम बातें.(२)
पिया संग में सदा रहेंगे..(२)
तेरी मधुर ओ वादें.(२)
अब संग ही जिएं मरेंगे.(२)
दूर चले गए जो तुम हो.(२)
अब हम कैसे प्रीत गढ़ेंगे..(२)
बिन मेरे फिर कैसे अब..वो दिल धड़क जाता है..
जब याद तेरी आती है…………
जब याद तेरी आती है
आंखों से छलक जाता है..(२)
कितना भी छुपाऊं इनको
पर प्यार झलक जाता है...(२)...(२)
तेरी ओ मीठी बँतियां (२)
अब याद मुझे आती है...(२)
फिर से उनको सुनने को ...ये दिल तड़प जाता है...
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"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
व्यंग्य, लेखक, गीतकार
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७
अभिमान तब आता है*
*जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,*
*और*
*सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है*
*जो दूसरों को इज़्ज़त देता है*
*असल में वो खुद इज़्ज़तदार होता है*
*क्योकि*
*इंसान दूसरो को वही दे पाता है*
*जो उसके पास होता है।*
*कठोर परिश्रम या कड़ी मेहनत मनुष्य का असली धन होता है। बिना कठिन परिश्रम के सफलता पाना असंभव है। इस दुनिया में जो व्यक्ति कठिन परिश्रम करता है सफलता उसी का कदम चूमती है। कड़ी मेहनत करने वाले लोग मिट्टी को भी सोना बना देते हैं।*
प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय, ...