Saturday, October 5, 2019

हिंदुत्व गौरव राणाजी पूंजा : *भील जयंती विशेष*

हिंदुत्व गौरव राणाजी पूंजा : *भील जयंती विशेष*

राणाजी पूंजा भील का जन्म मेरपुर के मुखिया दूदा होलंकी जी के परिवार में हुआ था, उनकी माता का नाम केहरी बाई था; उनके पिता का देहांत होने के पश्चात् 15 वर्ष की अल्पायु में उन्हें मेरपुर का मुखिया बना दिया गया *.*. राणाजी पूंजा अपनी वीरता, प्रजा प्रेम एवं अपनी दूरदर्शिता के कारण मेवाड़ में प्रसिद्ध हुए।

यह उनकी योग्यता की पहली परीक्षा थी, इस परीक्षा में उत्तीर्ण होकर वे जल्दी ही *भोमट के राजा* बन गए, अपनी संगठन शक्ति और जनता के प्रति प्यार-दुलार के चलते वे वीर भील नायक बन गए।

इस दौरान 1576 ई. में मेवाड़ में मुगलों का संकट उभरा, इस संकट के काल में महाराणा प्रताप जी ने भील राणाजी पूंजा का सहयोग मांगा *.*. ऐसे समय में भारत मां के वीर पुत्र राणाजी पूंजा ने मुगलों से मुकाबला करने के लिए मेवाड़ का सहयोग करने का निर्णय लिया औऱ महाराणा को वचन दिया कि राणा पूंजा और मेवाड़ के सभी भील भाई मेवाड़ की रक्षा करने को तत्पर है।

1576 ई. के हल्दीघाटी युद्ध में पूंजाजी भील ने अपनी सारी ताकत देश की रक्षा के लिए झोंक दी, इस युद्ध के बाद कई वर्षों तक मुगलों के आक्रमण को विफल करने में भीलों की शक्ति का अविस्मरणीय योगदान रहा।

पूंजा भील के शौर्य और बलिदान को देखकर महाराणा प्रताप ने इन्हें *भीलाराणा* की उपाधि दी तथा मेवाड़ के राज चिन्ह में स्थान दिया *.*. मेवाड़ के राज चिन्ह में एक ओर राणा पूंजा भील का चित्र है तो दूसरी ओर महाराणा प्रताप का चित्र अंकित है।

आज भी यह राज चिन्ह मेवाड़ के सिटी पैलेस पर सुशोभित होकर राणा पूंजा भील के शौर्य और बलिदान का गौरव-गान कर रहा है।
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                         प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

आज का संदेश

🕉🌹सुप्रभात,  जय श्री राम 🌹

     नाम और पहचान
            भले ही छोटी हो ,
     मगर खुद कि होनी
                         चाहिए,

     सभी का सम्मान करना
             बहुत अच्छी बात है ,
     पर आत्मसम्मान के साथ
             जीना खुद कि पहचान है.....

आज का सुविचार

*जय माता दी*

*तुलना के खेल में  ना उलझे,*
*क्योंकि इस खेल का कहीं कोई अंत नही।*

*जहाँ तुलना की शुरुआत होती है,*
*वही  से आनंद और अपनापन खत्म होता है...!!!*
   *मां महा दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं*
।।। *जय सियाराम* ।।।
*सुप्रभात*.........
*आपका दिन शुभ हो*

रानी दुर्गावती

*विवाह के मात्र 1 वर्ष के भीतर उसके पिता महोबा नरेश की मृत्यु हो गई जिसके चलते अकबर ने महोबा और कालिंजर पर कब्ज़ा कर लिया था ..*..

अभी इस गम से पूर्ण रूप से उभर भी नहीं पाई थी, कि *एक 3 वर्ष के बच्चे को उसकी गोद में छोड़ उसके पति राजा दलपति शाह की भी मृत्यु विवाह के मात्र 4 साल बाद हो गई ..*..

परन्तु इस विपदा की घड़ी में वो हिम्मत नहीं हारी और उसने अपने राज्य को बहुत खूबी के साथ चलाया *..*..

और *मात्र 10 साल में उसने अपने राज्य गोड़वाना (आज का जबलपुर) को हर तरफ से मजूबत कर दिया ..*..

ये देख अकबर ने अपने एक सेनापति आसफ खान को रानी दुर्गावती के राज्य पर चढ़ाई करने भेजा *..*..

उसे लगा की एक स्त्री ज्यादा समय नहीं टिक पायेगी *.*. पर *युद्ध के मैदान में रानी दुर्गावती को सैनिकों की वेशभूषा में देखा तो, आसफ खान चकित रह गया ..*..

युद्ध भयानक था रानी की तलवार के मुगलिया सेना को काट कर रख दिया, बड़ी मुश्किल से जान बचाकर आसफ खान अकबर के पास पहुंचा *.*. ये देख अकबर खुद घबरा गया और करीब 1.5  साल बाद फिर एक विशाल सेना के साथ, उसने रानी दुर्गावती के राज्य पर हमला कर दिया *..*..

इस बार मुगलिया सेना तोपों के साथ आई थी *.*. पर *रानी की धारदार तलवार ने तोपचियों के सर कलम कर के रख दिए ..*..

और एक बार फिर आसफ खान, अपनी हारी हुई शक्ल लेकर भाग खड़ा हुआ *.*. इस जीत का जश्न सारे गोड़वाना में मनाया गया, *रानी जिस वक़्त इस जश्न को मनाते हुए अपनी प्रजा के साथ थी, दुर्गावती के एक सेनापति ने गद्दारी कर इसकी खबर असाफ खान को दे दी ..*..

फिर अकबर की सेना ने फिर से गोड़वाना पर आक्रमण कर दिया, जिसका मुकाबला करने के लिए रानी का 15 वर्षीया पुत्र वीर नारायण एक सेना की टुकड़ी लेकर निकल पड़ा *..*..

और दूसरी टुकड़ी के साथ रानी दुर्गावती खुद, इस युद्ध में रानी का पुत्र बुरी तरह घायल हो गया, जिसे सैनिक एक सुरक्षित स्थान पर ले गए *.*. *और रानी को सन्देश भेजा गया की उनका पुत्र अब कुछ ही पल का मेहमान है एक बार उसके अंतिम दर्शन कर लें ..*..

पर रानी ने कहा की *मैं अपने पुत्र को देवलोक में ही मिल लूंगी* अभी अपनी मातृभूमि का ऋण चुका लूं और इतना कहते ही रानी की तलवार ने अपनी गति बढ़ा दी, जिससे *मुगलिया सैनिकों के सर धड़ से पत्तो की तरह गिरने लगे ..*..

और तभी एक तीर रानी की आँख में आकर लगा और दूसरा गर्दन में, ये देख रानी समझ गई, की अगर जीवित अकबर के सैनिकों ने गिरफ्तार किया तो अच्छा नहीं होगा *इसलिए अपनी अस्मत को बचने के लिए रानी ने अपना खंजर आपने सीने में दाग लिया ..*..

*5 अक्टूबर 1524 को महोबा में जन्म लेने वाली रानी दुर्गावती के वीरता और महानता का जितना बखान किया जाये कम है ..*..

नमन है इस देवी को आज जिनका जन्म दिवस है *..*!!
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                        प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

स्वामी श्रद्धानंद जी जिन्होंने गांधी को महात्मा उपाधि दी

*स्वामी श्रद्धानंद जिन्होंने गांधी को "महात्मा" की उपाधि दी उन्हीं के हत्यारे "अब्दुल रशीद" को महात्मा गांधी ने सजा होने से बचाया ..*..

1902 में देश के पहली स्वदेशी यूनिवर्सिटी *गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय* हरिद्वार की स्थापना करने वाले *.*. 1920 के दशक में शुद्धि आंदोलन चलाने वाले *.*. जिसमें लाखों हिन्दू से ईसाई व मुसलमान बनें ईसाई मुसलमानों को पुनः वैदिक धर्म में दीक्षित किया गया *..*..

जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन कराने वाले उसकी अध्यक्षता करने वाले आर्य सन्यासी स्वामी श्रद्धानंद के नाम से कौन परिचित नहीं होगा?

मार्च 1915 में गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत आए, अप्रैल 1915 में वह गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार जाते हैं स्वामी श्रद्धानंद से भेंट करने के लिए *.*. यह उन दिनों की बात है जब देश में गांधी जी को कोई जानता भी नहीं था, वह औसत दर्जे के बैरिस्टर थे; उस समय देश में कांग्रेस में *बाल गंगाधर तिलक*, *फिरोजशाह मेहता*, *लाला लाजपत राय*, जैसे महान विभूतियों का डंका बज रहा था *..*..

स्वामी श्रद्धानंद गांधी को महात्मा की उपाधि देते हैं *.*.  स्वामी श्रद्धानंद वह व्यक्ति थे जिन्होंने सबसे पहले देश में *लोक अदालतों* का विचार दिया क्योंकि वह खुद प्रसिद्ध वकील रहे थे सन्यासी होने से पूर्व *.*. एक साधारण से काठियावाड़ी बनिए को *महात्मा गांधी बनाने वाले केवल और केवल स्वामी श्रद्धानंद थे ..*..

फरवरी 1923 में स्वामी श्रद्धानंद शुद्धि सभा की स्थापना करते हैं *.*. दिसम्बर आते-आते छह लाख से अधिक मलकानी राजपूतों को जो मुसलमान हो गए थे, आगरा मथुरा के आस पास बसे हुए थे उन्हें हिन्दू बनाया जाता है *..*..

इतना ही नहीं, दिल्ली के आसपास फरीदाबाद के मूला गुर्जरों को पुनः हिन्दू बनाया जाता है, फरीदाबाद, गुरुग्राम, बल्लभगढ़ तहसील के दर्जनों गांव में यह शुद्धि अभियान बड़े जोर शोर से चलता है *.*. मुस्लिम तब लीगी जमातों में खलबली मच जाती है *.*. रातों-रात फतवे जारी हो जाते हैं *..*..

कांग्रेस के उस समय के तमाम राष्ट्रीय नेता स्वामी श्रद्धानंद के कार्य को उचित व जरूरी ठहरा चुके थे, लेकिन गांधी ने मई 1925 में स्वामी श्रद्धानंद के  *शुद्धि आंदोलन के विरुद्ध यंग इंडिया में लेख प्रकाशित* किया जो इस प्रकार था *..*..

29 मई, 1925 के अंक में *हिन्दू मुस्लिम तनाव : कारण और निवारण* शीर्षक से एक लेख में स्वामी जी पर गांधी जी ने स्वामी श्रद्धानंद पर अनुचित टिप्पणी कर डाली *..*..

उन्होंने लिखा- *स्वामी श्रद्धानन्द जी भी अब अविश्वास के पात्र बन गये हैं .*. *मैं जानता हूँ की उनके भाषण प्राय: भड़काने वाले होते हैं, दुर्भाग्यवश वे यह मानते हैं कि प्रत्येक मुसलमान को आर्य धर्म में दीक्षित किया जा सकता हैं, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार अधिकांश मुसलमान सोचते हैं कि किसी न किसी दिन हर गैर मुस्लिम इस्लाम को स्वीकार कर लेगा ..*..

*श्रद्धानन्द जी निडर और बहादुर हैं, उन्होंने अकेले ही पवित्र गंगा तट पर एक शानदार आश्रम (गुरुकुल) खड़ा कर दिया हैं, किन्तु वे जल्दबाज हैं और शीघ्र ही उत्तेजित हो जाते हैं; उन्हें आर्य-समाज से ही यह विरासत में मिली हैं ..*..

स्वामी दयानंद पर आरोप लगाते हुए गांधी जी लिखते हैं- *उन्होंने संसार के एक सर्वाधिक उदार और सहिष्णु धर्म को संकीर्ण बना दिया ..*..

गांधी जी के लेख पर स्वामी जी ने प्रतिक्रिया लिखी की, *यदि आर्य समाजी अपने प्रति सच्चे हैं तो महात्मा गांधी या किसी अन्य व्यक्ति के आरोप और आक्रमण भी आर्यसमाज की प्रवृतियों में बाधक नहीं बन सकते ..*..

गांधी के षड्यंत्र से स्वामी श्रद्धानंद विचलित नहीं हुए, यह  शुद्धि आंदोलन उनकी मृत्यु 23 दिसंबर 1925 तक चलता रहा *.*. 23 दिसंबर 1925 को चांदनी चौक नया बाजार पुरानी दिल्ली स्थित *~अब्दुल रशीद~* नामक सिरफिरे मजहबी मुसलमान ने स्वामी जी की गोली मार कर हत्या कर दी, लोगों ने उसे रंगे हाथ पिस्तौल सहित दबोच लिया *..*..

लेकिन महात्मा गांधी ने उस हत्यारे का बचाव किया, उसके समर्थन में जनसभा की *.*. कहा- *अब्दुल रशीद मेरा भाई है और मैं बार बार यह कहूंगा, हत्या के लिए मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; दोषी वह लोग हैं जो एक दूसरे के खिलाफ नफरत फैलाते हैं, उसकी कोई गलती नहीं है और ही उसे दोषी ठहराकर किसी का भला होगा ..*..

गांधी के ऐसे बयानों का नतीजा यह निकला कि तमाम सबूत होने के बावजूद स्वामी श्रद्धानंद का हत्यारा 2 साल बाद छूट गया, यदि *वह दुष्ट* स्वामी श्रद्धानंद की हत्या नहीं करता तो आज फरीदाबाद, गुड़गांव का मेवात  गौ हत्यारों *.*. वाहन चोर अपराधियों का गढ़ नहीं होता *..*..

फरीदाबाद जिले में धौज बडकल जैसे गांव जो हिन्दू गुर्जरों के गांव थे, आज मुस्लिम गुर्जरों के गांव पहचाने जाते हैं, हिन्दू गुर्जरों से उनकी रोटी बेटी का रिश्ता आज होता जैसा फरीदाबाद के अन्य शुद्ध किए गए गांवों से है *..*..

अब आप समझ सकते हैं कि जब महान स्वामी श्रद्धानंद को गांधी ने नहीं बख्शा *.*. जिन्होंने उन्हें आंदोलन करना, नेतृत्व करना, सिखाया महात्मा की उपाधि दी, वह भला शहीद भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र, सरदार पटेल, *जैसे देशभक्तों को कैसे बख्शता⁉⁉⁉*

साभार- *आर्य सागर*
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                         प्रस्तुति
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            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
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Friday, October 4, 2019

क्या हो रहा है इस देश में..?

मंगल पांडे को फाँसी❓
ताँत्या टोपे को फाँसी❓
रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेज सेना ने घेर कर मारा❓
भगत सिंह को फाँसी❓
सुखदेव को फाँसी❓
राजगुरु को फाँसी❓
चंद्रशेखर आजाद का एनकाउंटर अंग्रेज पुलिस द्वारा❓
सुभाषचन्द्र बोस को गायब करा दिया गया❓
भगवती चरण वोहरा बम विस्फोट में मृत्यु❓
रामप्रसाद बिस्मिल को फाँसी❓
अशफाकउल्लाह खान को फाँसी❓
रोशन सिंह को फाँसी❓
लाला लाजपत राय की लाठीचार्ज में मृत्यु❓
वीर सावरकर को कालापानी की सजा❓
चाफेकर बंधू (३ भाई) को फाँसी❓
मास्टर सूर्यसेन को फाँसी❓
ये तो कुछ ही नाम हैं जिन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम और इस देश की आजादी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया❓
कई हज़ार वीर ऐसे हैं , हम और आप जिनका नाम तक नहीं जानते ❓

एक बात समझ में आज तक नहीं आई कि भगवान ने गांधी और नेहरु को ऐसे कौन से कवच-कुण्डल दिये थे❓
जिसकी वजह से अंग्रेजों ने इन दोनो को फाँसी तो दूर, कभी एक लाठी तक नहीं मारी...❓
ऊपर से यह दोनों भारत के बापू और चाचा बन गए और इनकी पीढ़ियाँ आज भी पूरे देश के ऊपर अपना पेंटेंट समझती हैं❓

       गहराई से सोचिए❓❓                                              

सैनिकों पर पत्थर -           अहिंसक आंदोलन

लव जिहाद पर कार्यवाही-  गुंडागर्दी

पत्थरबाज-                       भटके हुए नौजवान

भारत तेरे टुकड़े -              अभिव्यक्ति आजादी

भंसाली को थप्पड़ -           हिन्दू आतंकवाद

गौमांस भक्षण    -              भोजन का अधिकार

ईद पर बकरा काटना -      धार्मिक स्वतंत्रता

तीन तलाक हलाला   -      धार्मिक अंदरूनी मामला

दीवाली पटाखे         -        पर्यावरण प्रदूषण

न्यू इयर पटाखे         -       जश्न का माहौल

मटकी-फोड़ में बच्चे -        असंवैधानिक

मासूम बच्चों का खतना   -       धार्मिक अंदरूनी मामला

प्लेटफार्म पर नमाज -        धार्मिक अधिकार

सड़क पर पंडाल -             सड़क जाम का केस

मस्जिद लाउडस्पीकर   -   धार्मिक स्वतंत्रता

मंदिर में लाउडस्पीकर -     ध्वनि प्रदूषण

करवाचौथ         -               ढकोसला

वैलेंटाइनडे         -              प्यार का पर्व

चार शादियाँ       -             धार्मिक स्वतंत्रता

हिन्दू दो शादी       -            केस दर्ज

गणेश विसर्जन, होली  -     जल प्रदूषण

ताजिया विसर्जन   -            संविधान अधिकार

आजम,ओवैसी,केजरी-      राष्ट्र पुरुष

मोदी,योगी,स्वामी-             हिन्दू आतंकवादी

भगत सिंह सुखदेव राजगुरु- आतंकवादी

अफजल,कसाब,बुरहान-     शहीद

15 मिनिट पुलिस हटालो-     सहिष्णुता

भाजपा चुनाव जीती-             असहिष्णुता

कश्मीर,असम केरल दंगे-      देश शांत

अख़लाक़, गुजरात दंगे-      अवार्ड वापसी,असहिष्णु देश

शिव लिंग पर दूध चढ़ाना-      दूध की बर्बादी

बकरे काटना,चादर चढ़ाना-  धार्मिक मान्यता

राम मंदिर-                             गुंडाराज

बाबरी मस्जिद-                      देश में अमन चैन

ताज महल-                            प्रेम की निशानी

राम सेतु-                       राम काल्पनिक हैं राम थे ही नहीं

आतंकियों की फाँसी पर-        रात में कोर्ट खुलवाते हैं आंदोलन होते हैं,दया याचिका दायर की जाती है,भारत विरोधी नारे लगाये जाते हैं ।

किसी कुलभूषण की फाँसी पर- सब मौन

भारत में हिन्दुओं पर अत्याचार-   कोई आवाज नहीं उठाता..सब मौन हो जाते हैं साँप सूंघ जाता है

हिन्दुओं द्वारा प्रतिक्रिया पर-      भगवा           आतंकवादी 
देश में असहिष्णुता का माहौल,
अवार्ड वापसी जैसे ढोंग

देवी देवताओं का अपमान   
             -  अभिव्यक्ति 
                 की आजादी

मोहम्मद पर बयान  -  रासुका धारा तोड़फोड़

          ये है भारत की सच्चाई

क्या हो रहा है इस देश में ❓
कहाँ है समान अधिकार ❓

आज का सुविचार

*अच्छा वक़्त सिर्फ उसीका   होता है,​.*
*..​जो कभी किसी का बुरा नहीं सोचते !!​*
*​सुख दुख तो अतिथि है,​.*
.   *​बारी बारी से आयेंगे चले जायेंगे..​*
*​यदि वो नहीं आयेंगे तो हम​*
       *​अनुभव कहां से लायेंगे।​*
*जिन्दगी को खुश रहकर जिओ*
*क्योकि रोज शाम सिर्फ सूरज ही नही ढलता आपकी अनमोल जिन्दगी भी ढलती है*
🌺💐🙏🏻🙏🏼🌹🌺
        *महासप्तमी की हार्दिक शुभकामनाए*
*🙏🏻🚩🌼शुभ प्रभात🌼🚩🙏🏻*

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...