Saturday, October 12, 2019

शरद पूर्णिमा विशेष

*🚩शरद पूर्णिमा पर्व की बधाईयाँ🚩*

*🌝दीपावली से पहले शरद पूर्णिमा लक्ष्‍मी-माता के जन्‍म दिन के तौर पर मनाई जाती है ..*..

🌝आश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है इस साल यह तिथि 13 अक्‍टूबर यानी रविवार को आज है !!

*🚩पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, इस दिन धन की देवी मां लक्ष्‍मी समुद्र मंथन से उत्‍पन्‍न हुई थीं, इसलिए यह दिन विशेष रूप से माता लक्ष्‍मी को ही समर्पित होता है* !!

🚩इस अवसर मां लक्ष्‍मी को प्रिय *.*. इन 5 वस्‍तुओं का भोग लगाने और इसे प्रसाद स्‍वरूप बांटने व स्‍वयं खाने से धन, समृद्धि और यश में वृद्धि होती है और मां लक्ष्‍मी की विशेष कृपा भी प्राप्‍त होती है !!

*🌝आइए जानते हैं कौन सी हैं ये 5 वस्‍तुएं ..*..

*🌝लक्ष्‍मी माता का भाई माना जाता है इन्‍हें ..*..

शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी जी की पूजा करने के बाद आप मखाने का भोग लगा सकते हैं, मखाने का संबंध चंद्रमा से है और चंद्रमा को मां देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है, साथ ही इस दिन श्रीसूक्त का पाठ कर सकते हैं !!

*🌝भोग में लगाएं यह वस्‍तु ..*..

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप भोग में बताशे का भी प्रयोग कर सकते हैं, रात्रि जागरण में आप बताशे का भोग लगाकर हर किसी को दे सकते हैं; बताशे का संबंध भी चंद्रमा से है, इसलिए दिवाली के दिन बताशे और चीनी के खिलौने माता लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं !!

*🌝इसे खाकर रोग होते हैं दूर ..*..

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मखाने और चांवल की खीर का भोग लगा सकते हैं, बताया जाता है कि इस खीर में चंद्रमा की रोशनी में रखने के बाद इसमें औषधीय गुण आ जाते हैं, इससे कई रोग दूर होते हैं !!

*🌝पूजा में करें इसका प्रयोग ..*..

हिंदू धर्म के पूजापाठ से जुड़े कार्यों में पान का होना बहुत ही शुभ माना जाता है, पान को प्रसन्नता का कारक माना जाता है; पूजा में पान पर सुपारी का प्रयोग किया जाता है, इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप उनकी पूजा में पान का प्रयोग कर सकते हैं !!

*🌝दही का लगाएं भोग ..*..

मां लक्ष्‍मी को जो वस्‍तुएं प्रिय हैं, उनमें से एक दही भी है, शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्‍मी को गाय के दूध से बने दही का भी भोग लगाएं, फिर इसे प्रसाद के रूप में सभी लोगों में बांट दें; *ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगी ..*.!!
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                          प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

आज का सुविचार

🙏* 🙏
*भीतर क्षमा हो, तो क्षमा निकलेगी..*
*भीतर क्रोध हो, तो क्रोध निकलेगा..*
*भीतर प्रार्थना हो, तो प्रार्थना निकलेगी..*
*भीतर नफरत हो, तो नफरत निकलेगी..*
*इसलिए जब भी कुछ बाहर निकले,*
*तो दूसरे को दोषी मत ठहराना,*
*यह हमारी ही संपदा है जिसको*
*हम अपने भीतर छिपाए हैं।*
🙏🏻🙏🏻 *जय श्री राधे कृष्ण*🙏🏻🙏🏻 **💐

आज का संदेश

*"जीवन में सुख साधन संपन्न                            व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं,*,
*'लेकिन परम सौभाग्यशाली वो                       हैं जिनके पास.,,..*

*"भोजन है और भूख भी है,*
*'सेज है और नींद भी है,*
*'धन है साथ में धर्म भी है,*
*'विशिष्टता के साथ शिष्टता भी है,""*.         

*जय श्री कृष्ण*🙏🏻💫
*महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर उन्हें सत सत नमन 💐👏🏻*
   *शुभ प्रभात*

🌹🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹

शरद पूर्णिमा

*शरद पूर्णिमा*

🌝वर्ष के बारह महीनों में ये पूर्णिमा ऐसी है, जो तन मन और धन तीनों के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है; इस पूर्णिमा को चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, तो धन की देवी महालक्ष्मी रात को ये देखने के लिए निकलती हैं कि कौन जाग रहा है और वह अपने कर्मनिष्ठ भक्तों को धन-धान्य से भरपूर करती हैं।

🌕शरद पूर्णिमा का एक नाम *कोजागरी पूर्णिमा* भी है यानी लक्ष्मी जी पूछती हैं *कौन जाग रहा है?* अश्विनी महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम अश्विनी पड़ा है।

🌝एक महीने में चंद्रमा जिन 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है, उनमें ये सबसे पहला है और आश्विन नक्षत्र की पूर्णिमा आरोग्य देती है।

🌕केवल शरद पूर्णिमा को ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपूर्ण होता है और पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट भी, चंद्रमा की किरणों से इस पूर्णिमा पृथ्वी पर अमृत बरसता है।

🌝आयुर्वेदाचार्य वर्ष भर इस पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं, जीवन दायिनी रोग नाशक जड़ी-बूटियों को वह शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं, अमृत से नहाई इन जड़ी-बूटियों से जब दवा बनायी जाती है तो वह रोगी के ऊपर तुरन्त असर करती है।

🌕चंद्रमा को वेद-पुराणों में मन के समान माना गया है *चंद्रमा मनसो जात:* वायु पुराण में चंद्रमा को जल का कारक बताया गया है, प्राचीन ग्रंथों में चंद्रमा को औषधीश्र यानी औषधियों का स्वामी कहा गया है।

🌝ब्रह्मपुराण के अनुसार *सोम* या चंद्रमा से जो सुधामय तेज पृथ्वी पर गिरता है उसी से औषधियों की उत्पत्ति हुई और जब औषधी 16 कला संपूर्ण हो तो अनुमान लगाइए उस दिन औषधियों को कितना बल मिलेगा।

🌕शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है, *शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है।*

🌝लेकिन इस खीर को एक विशेष विधि से बनाया जाता है, पूरी रात चांद की चांदनी में रखने के बाद सुबह खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, *शरीर निरोगी होता है।*

🌕शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं, स्वयं *सोलह कला सम्पूर्ण भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ी है यह पूर्णिमा*; इस रात को अपनी राधा रानी और अन्य सखियों के साथ श्रीकृष्ण महा-रास रचाते हैं।

🌝कहते हैं जब वृन्दावन में भगवान कृष्ण महा-रास रचा रहे थे तो चंद्रमा आसमान से सब देख रहा था और वह इतना *भाव-विभोर हुआ कि उसने अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर अमृत की वर्षा आरंभ कर दी।*

*🌕गुजरात में शरद पूर्णिमा को लोग रास रचाते हैं* और गरबा खेलते हैं, *मणिपुर में भी श्रीकृष्ण भक्त रास रचाते हैं*; *पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शरद पूर्णिमा की रात को महालक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है*; मान्यता है कि इस पूर्णिमा को जो महालक्ष्मी का पूजन करते हैं और रात भर जागते हैं, *उनकी सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।*

🌝ओडिशा में शरद पूर्णिमा को कुमार पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है, आदिदेव महादेव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म इसी पूर्णिमा को हुआ था; गौर वर्ण, आकर्षक, सुंदर, कार्तिकेय की पूजा कुंवारी लड़कियां उनके जैसा पति पाने के लिए करती हैं।

🌕शरद पूर्णिमा ऐसे महीने में आती है, जब वर्षा ऋतु अंतिम समय पर होती है, शरद ऋतु अपने बाल्यकाल में होती है और हेमंत ऋतु आरंभ हो चुकी होती है और *इसी पूर्णिमा से कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है।*
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                          प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

Friday, October 11, 2019

मिट्टी के दीए जलाने का महत्व


*मिट्टी के दीए जलाने से घर में आती हैं लक्ष्मी और मिलती है सुख और सृमद्धि अपार :-*

दीपावली के मौके पर दीयों का अलग ही महत्व है, मान्यता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से शौर्य और पराक्रम में वृद्धि होती है और परिवार में सुख समृद्धि आती लेकिन लोगों का रुझान मोमबत्ती और बिजली की झालरों की ओर हो गया है।

चौदह साल के वनवास के बाद जब लंका पति रावण को मार कर प्रभु राम सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या पहुंचे तो अयोध्या वासियों ने दीपक जला कर अपनी खुशी प्रकट की थी।

मिट्टी का दीपक जलाने के पीछे कई मत हैं, मान्यता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

मिट्टी को मंगल ग्रह का प्रतीक माना जाता है मंगल, साहस पराक्रम में वृद्घि करता है और तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है; शनि को भाग्य का देवता कहा जाता है।

मिट्टी का दीपक जलाने से मंगल और शनि की कृपा आती है, इसके अलावा दीपक जलाने का महत्व उसकी रोशनी के कारण भी है; रोशनी को सुख, समृद्धि, स्फूर्ति का प्रतीक माना जाता है; *जबकि अंधकार को दुख, आलस्य, निर्धनता का प्रतीक माना जाता है* इसलिए भी दीपक जलाने का बहुत अधिक महत्व है।

हिंदू सनातन धर्म की जय हो *..*..
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻
                         प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

Thursday, October 10, 2019

आज का संदेश

*"हालात" जैसे भी हों "डटे" रहो*

*क्योंकि सही "समय" आने पर*
            *खट्टी "कैरी" भी*
*मीठे "आम" में "बदल" जाती है !!*🍁

              *🌻शुभप्रभात🌻*

*🌹व्यस्त रहें, मस्त रहें, स्वस्थ रहें🌹*

गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी

*गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ..*..

1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है, वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं।

2. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस जगह देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं।

3. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है।

4. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है।

5. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है, जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते।

6. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है।

7. गौ माता कि एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है।

8. गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है।

9. गौ माता की पूंछ में हनुमान जी का वास होता है, किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है।

10. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है, रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है।

11. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है।

12. गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है, इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं।

13. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है।

14. गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है।

15. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे।

16. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं।

17. जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है।

18. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं।

19. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है।

20. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं, जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है।

21. गाय एक चलता फिरता मंदिर है, हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है ,
हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं।

22. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा।

23. गौ माता सर्व सुखों की दाता है।

हे मां आप अनंत!
*आपके गुण अनंत!*
इतना मुझमें सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों का बखान कर सकूं।

जयहिंद   *जय गाय माता*
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                         प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
     अं.यु.हिं.वा. गौ रक्षा दल छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...